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Sagar Nikay Chunav: कांग्रेस की घेराबंदी में उलझे मंत्री भार्गव! खुद के लिए नहीं किया प्रचार, लेकिन BJP के लिए करने को मजबूर

अपने विधानसभा चुनाव प्रचार में भले ही मंत्री गोपाल भार्गव ना निकलते हो, लेकिन पार्टी के लिए उन्हें नगर पालिका चुनाव में जनसंपर्क और चुनावी सभा को संबोधित करना पड़ा. नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस ने उनकी ऐसी घेराबंदी की है कि पार्टी को जिताने के लिए उनको जनसंपर्क और कार्यकर्ताओं की बैठक करना पड़ रहा है. मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में गोपाल भार्गव को कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिल रही है. (Sagar Nikay Chunav) (Municipality Election Rehli) (Sagar Urban Body Elections) (Sagar Nikay Chunav) (Minister Gopal Bhargava Meeting)

Sagar Gopal Bhargava
मंत्री गोपाल भार्गव

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Published : Sep 24, 2022, 8:36 AM IST

सागर।एमपी पूर्व नेता प्रतिपक्ष और पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव (Gopal Bhargava) अपने विधानसभा चुनाव में पिछले दो चुनावों से जनसंपर्क पर नहीं निकलते हैं, फिर भी लगातार आठ विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. उनका मानना है कि उन्होंने अपनी विधानसभा क्षेत्र में इतना विकास किया है कि उन्हें जनता के दरवाजे पर जाकर वोट मांगने की जरूरत नहीं है. लेकिन उनके गृह नगर में चल रहे नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस ने उनकी ऐसी घेराबंदी की है कि, अब पार्टी को जिताने के लिए उन्हें जनसंपर्क और कार्यकर्ताओं की बैठक करना पड़ रहा है. हालांकि वह इससे इंकार कर रहे हैं, लेकिन मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में गोपाल भार्गव को कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिल रही है. (Sagar Nikay Chunav)

मंत्री गोपाल भार्गव

18 साल बाद कांग्रेस के हर वार्ड में प्रत्याशी:2003 में जब से गोपाल भार्गव मंत्री बने, तब से उनके गृह नगर गढ़ाकोटा में नगरीय निकाय चुनाव (Sagar urban body elections) में कांग्रेस बमुश्किल सभी सीटों पर प्रत्याशी खड़े कर पाती थी. गढ़ाकोटा नगर पालिका परिषद के ज्यादातर वार्ड भाजपा के प्रत्याशी निर्विरोध जीतते थे, लेकिन मौजूदा नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस ने उनकी जमकर घेराबंदी की. हालात ये बने कि कांग्रेस ने करीब 19 साल बाद गढ़ाकोटा नगरपालिका के सभी 23 वार्ड में प्रत्याशी खड़े करने में सफलता हासिल की. इतना ही नहीं रहली विधानसभा के सभी कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं के अलावा सागर जिले के कई कांग्रेस नेता और विधायक गढ़ाकोटा में जमकर जनसंपर्क कर रहे हैं. कांग्रेस की कोशिश है कि, नगरीय निकाय चुनाव में गोपाल भार्गव कड़ी चुनौती दी जाए.

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विधानसभा चुनाव में खुद का नहीं करते प्रचार:1985 से रहली विधानसभा से लगातार चुनाव जीत रहे गोपाल भार्गव 2003 में पहली बार मंत्री बने थे. 2003 के बाद गोपाल भार्गव के पास लगातार कैबिनेट मंत्री का दर्जा रहा है. कांग्रेस की 15 महीने की सरकार में गोपाल भार्गव नेता प्रतिपक्ष बनाए गए थे, नेता प्रतिपक्ष के लिए कैबिनेट मंत्री का दर्जा होता है. मंत्री बनने के बाद गोपाल भार्गव ने विधानसभा क्षेत्र रेहली में कई विकास कार्य किए हैं, इन्हीं विकास कार्यों और जन सेवा की बदौलत 2013 से गोपाल भार्गव खुद के विधानसभा चुनाव में प्रचार करने नहीं जाते हैं. उनका कहना है कि 1985 से वह लगातार क्षेत्र की जनता की सेवा कर रहे हैं और मंत्री बनने के बाद उन्होंने विकास कार्य के साथ-साथ जनकल्याण के कई कार्य किए हैं. इसलिए उनके क्षेत्र की जनता विकास और जन सेवा के नाम पर उन्हें चुनाव में विजय दिलाती है.(Minister Gopal Bhargava Meeting)

नगरीय निकाय चुनाव में प्रचार के लिएनिकले:अपने विधानसभा चुनाव प्रचार में भले ही मंत्री गोपाल भार्गव ना निकलते हो,लेकिन पार्टी के लिए उन्हें नगर पालिका चुनाव में जनसंपर्क और चुनावी सभा को संबोधित करना पड़ा. उनका कहना है कि, "स्थानीय लोग चाहते थे कि मैं एक सभा ऐसी जगह करूं, जहां ज्यादा से ज्यादा वार्डों का संपर्क हो. इसलिए एक छोटी सी सभा की है और लोगों से मिलते हुए चले आए हैं. मैं जब अपने ही विधानसभा चुनाव में प्रचार नहीं करता हूं, तो नगरपालिका में प्रचार करने की जरूरत नहीं है. मुझे अपने गृह नगर के लोगों पर पूरा भरोसा है." (Sagar Nikay Chunav) (Municipality Election Rehli)

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