सागर। शीतलहर के कारण एमी के कई हिस्सों में सामान्य जनजीवन अस्त व्यस्त है. वहीं किसानों को भी फसलों के नुकसान की चिंता सताने लगी है. ऐसे में ईटीवी भारत ने बात की जाने माने कृषि वैज्ञानिक जितेंद्र सिंह राजपूत से और उनसे जाना कि जिस वक्त शीतलहर का प्रकोप बढ़ा है (sagar farmer worried about crops), उस वक्त रबी सीजन की फसलों के लिए नुकसान की आशंका है या नहीं? हालांकि इस शीतलहर से सब्जी वाले किसानों के लिए थोड़ा नुकसान है मगर अन्य फसलों के लिए बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होगा.
कृषि वैज्ञानिक जितेंद्र सिंह राजपूत क्या होता है पाला
कृषि वैज्ञानिक जितेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि जब तापमान 4 डिग्री से नीचे चला जाता है, तो उस स्थिति में फसलों की पत्ती पर जमने वाली ओस की बूंदे या पानी की बूंदे बर्फ में बदल जाती हैं. ओस की बूंदों या पत्तियों पर पानी के जम जाने से पत्तियों के अंदर का पानी बर्फ के रूप में जम जाता है. यह फसल के लिए नुकसानदायक होता है.
OBC Reservation: SC के आदेश के बाद मैदान में शिवराज सरकार, जुटाई जा रही ओबीसी वोटर्स की जानकारी
गेहूं के लिए वरदान है मौजूदा शीतलहर
कृषि वैज्ञानिकों की मानें तो मौजूदा मौसम से रबी सीजन की फसलों के लिए कोई नुकसान की स्थिति नहीं है. क्योंकि फसलों का अभी अंकुरण हो रहा है. फसलों में फूल या फलियां नहीं आई हैं. इस स्थिति में तापमान 4 डिग्री से नीचे जाने या 20 डिग्री के ऊपर जाने में फसल को नुकसान की आशंका रहती है, लेकिन वर्तमान में तापमान दोनों स्थिति में नहीं गया है. गेहूं के फसल के अंकुरण के समय पर इस तरह की शीतलहर वरदान साबित हो सकती है, और गेहूं के अच्छे उत्पादन की उम्मीद की जा सकती है.
सब्जियों को पाले से बचाने के लिए करें यह उपाए पाले से फसलों को बचाने के उपाए
कृषि वैज्ञानिक जितेंद्र सिंह का कहना है कि, शीतलहर चलने और तापमान 4 डिग्री से नीचे गिरने की स्थिति में रात में हल्की सिंचाई करने से पौधे में पानी का संचार होगा. इससेे गर्मी बढ़ेगी और पाले से नुकसान की कम आशंका होाती है. इसके अलावा 80 प्रतिशत गंधक का उपयोग किया जा सकता है. 2 ग्राम प्रति लीटर के हिसाब से छिड़काव करने से आप अपनी फसल को बचा सकते हैं. अपने खेत की मेड़ के सहारे कचरे को जलाने से धुएं की परत बनेगी जो फसल से पाले से बचाता है. वहीं पाला मुख्य रुप से सब्जी के लिए नुकसान करता है.