सागर। आम इंसान में लाखों बुराइयां हो,लेकिन उसके निधन के बाद बुराइयों को ताक पर रखकर ससम्मान अंतिम संस्कार किया जाता है और उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है, लेकिन सरकारी इंतजाम के चलते सागर के बीना विकासखंड में मौत के बाद लोगों का अंतिम संस्कार भी तरीके से नहीं हो पा रहा है. बारिश के चलते लोग अंतिम संस्कार के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालात ये है कि जब शव का दाह संस्कार किया जाता है,तो बारिश का पानी उसके ऊपर ना पड़े. इसका इंतजाम पहले करना पड़ता है.
Sagar News: अंतिम संस्कार की जद्दोजहद! श्मशान घाट में सरकारी तंत्र की लापरवाही, अंतिम संस्कार के लिए हो रही परेशानी - Trouble for Sagar Funeral
मध्यप्रदेश के सागर जिले से दिल को दहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां सरकारी तंत्र की लापरवाही के कारण श्मशान घाट में मुर्दों को जलाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है.
सागर अंतिम संस्कार की जद्दोजहद
हे भगवान! बेच दी सैकड़ों साल पुराने श्मशान घाट की जमीन, वापसी की मांग पर अड़े ग्रामीण
राजनीति के कारण नहीं बन सका श्मशान घाट:जब ग्राम पंचायत के पंचायत सचिव रामबाबू अहिरवार से श्मशान घाट की बदहाली के लिए सवाल पूंछा गया, तो उन्होंने बताया कि 2019 में मनरेगा के तहत श्मशान घाट के निर्माण की स्वीकृति हुई थी, लेकिन गांव की स्थानीय राजनीति के चलते तत्कालीन सरपंच रामबाबू ठाकुर ने अधूरा काम छोड़ दिया था. तब से श्मशान घाट इसी स्थिति में पड़ा हुआ है.
Last Updated : Jul 23, 2022, 11:03 PM IST