सागर। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सागर पहुंचकर नगर निगम के महापौर और वार्ड प्रत्याशियों के लिए रोड शो किया. इस दौरान वह प्रदेश की वर्तमान सरकार पर जमकर बरसे. उन्होंने सागर स्मार्ट सिटी में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ''आज स्मार्ट सिटी के मायने भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचार के मायने स्मार्ट सिटी हो गए हैं''. इसके अलावा उन्होंने किसान कर्ज माफी को लेकर शिवराज सिंह के छिंदवाड़ा में दिए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि ''शिवराज सरकार ने खुद विधानसभा में स्वीकार किया है कि हमने 27 लाख लोगों की कर्ज माफी की है, जबकि छिंदवाड़ा में कहा कर्ज माफ नहीं हुए''. उन्होंने नगर निगम चुनाव के लिए "अब की बार बदल दीजिए शहर सरकार" का नारा दिया.
सागर को छिंदवाड़ा भी नहीं बना पाए शिवराज: पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि ''सागर एक प्रेम की नगरी है. हमारे मूल्य और संस्कृति की नगरी है. यहां आकर मुझे खुशी होती है, लेकिन साथ-साथ दु:ख भी होता है कि इसका नाम स्मार्ट सिटी रखा गया है. हमारे मध्य प्रदेश की पहचान महानगरों से होती है, तो क्या मध्य प्रदेश की पहचान सागर नगर निगम से हो सकती है''. आपको याद होगा कि शिवराज सिंह ने कहा था कि मैं सागर को इंदौर बना दूंगा. इंदौर तो छोड़िए, छिंदवाड़ा भी नहीं बना पाए.
स्मार्ट सिटी के मायने भ्रष्टाचार: उन्होंने आगे कहा कि ''17 साल से शिवराज सिंह मुख्यमंत्री हैं. 29 साल से सागर में बीजेपी का विधायक है. 20 साल से भाजपा के महापौर रहे हैं. उसके बाद भी सागर की नालियों और झील की क्या स्थिति है, आप खुद जानते हैं. मैं जब शहरी विकास मंत्री था, तो मैंने झील के लिए पैसा दिया था. यह रिकॉर्ड की बात है, मैं शिवराज सिंह नहीं हूं कि हर तरफ झूठ बोलूं. मैं सागर आया था और चार योजना की शुरुआत की थी. केवल स्मार्ट सिटी के नाम पर पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार हो रहा है. भ्रष्टाचार के मायने स्मार्ट सिटी और स्मार्ट सिटी के मायने भ्रष्टाचार हो गया है. ठेकेदारों के साथ मिलीभगत करके जनता को दु:खी किया जा रहा है''.
शिवराज सिंह सिर्फ टेलीविजन के बारे में सोचते हैं: पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि ''आज प्रदेश में हर वर्ग परेशान है और शिवराज सिंह झूठ बोलने से बाज नहीं आ रहे हैं. कल छिंदवाड़ा में कहते हैं कि किसानों का कर्जा माफ नहीं हुआ. जबकि उन्होंने खुद विधानसभा में स्वीकार किया था कि पहली किस्त में 27 लाख किसानों का कर्जा माफ हुआ है. हमने 100 रूपए में 100 यूनिट बिजली दी, तो 97 लाख लोगों को फायदा हुआ. जबकि भाजपा सरकार में योजनाएं भ्रष्टाचार को नजर रखकर बनाई जाती हैं. स्मार्ट सिटी तब बन सकती है, जब विजन हो. शिवराज सिंह तो केवल टेलीविजन के बारे में सोचते हैं, विजन तो है ही नहीं. टेलीविजन और विजन में बहुत अंतर होता है''.