सागर। जिले की केसली जनपद पंचायत की नाहर मऊ जनपद पंचायत की महिला सरपंच जानकी गौड़ निर्विरोध निर्वाचित हुई हैं, जानकी गौड़ की निर्विरोध निर्वाचित होने की बड़ी दिलचस्प कहानी है. दरअसल 4 साल पहले जानकी ने नाहरमऊ गांव के गौरव पटेल के साथ लव मैरिज की थी, उन्हें अंदाजा नहीं था कि प्रेम विवाह के चलते उन्हें एक दिन सरपंच का पद हासिल होगा और वह अपनी ग्राम पंचायत की निर्विरोध सरपंच चुनी जाएंगी. (MP Panchayat Election 2022) बता दें कि गांव में अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिला के लिए आरक्षित नाहर मऊ ग्राम पंचायत में जानकी ही इकलौती आदिवासी महिला थी और ग्रामीणों ने उन्हें निर्विरोध पंचायत की कमान सौंप दी.
लव मैरिज ने जानकी गौड़ को बना दिया 'सरपंच' 4 साल पहले की थी लव मैरिज:22 साल की जानकी गौड़ की नाहर मऊ गांव के गौरव पटेल से आंखें चार हो गई थी, प्यार का सिलसिला इतना आगे बढ़ गया कि बात शादी तक पहुंच गई. 4 साल पहले गौरव और जानकी ने शादी रचा ली और दोनों गांव में रहकर अपना जीवन बताने लगे, लेकिन यह प्रेम विवाह है सरपंच पद की वजह बनेगा ये बात जानकी ने कभी नहीं सोची थी. जानकी बताती हैं कि "मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं कभी गांव की सरपंच बनूंगी, ये कुछ इस तरह हुआ जैसे कि भगवान की इच्छा हो और सब कुछ अपने आप हो रहा हो."
आदिवासी महिला जानकी गोंड निर्विरोध चुनी गई सरपंच अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हुई पंचायत:त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए जब ग्राम पंचायतों का आरक्षण किया गया तो केसली जनपद पंचायत की नाहर बुक पंचायत अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हो गई, ग्राम पंचायत का आरक्षण होने के बाद जब नाहर मऊ के लोगों ने आदिवासी वर्ग की महिला की तलाश शुरू की तो 2 ग्राम पंचायत में ऐसी कोई आदिवासी महिला नजर नहीं आई, जो ग्राम पंचायत के सरपंच का चुनाव लड़ सके.
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ऐसे निर्वाचित हुई जानकी:ग्राम पंचायत के लोग चाहते थे कि ग्राम विकास की योजनाएं सुचारू रूप से चलती रहे, इसलिए पंचायत का गठन होना जरूरी है. वह नहीं चाहते थे कि ग्राम पंचायत का गठन ना हो सके, ऐसी स्थिति में गांव के लोगों ने जब ग्राम पंचायत में आदिवासी महिला की तलाश शुरू की, तो ग्राम पंचायत के लोगों की तलाश गांव के गौरव पटेल के घर पर खत्म हुई. जब उन्हें पता चला कि जिस लड़की से 4 साल पहले गौरव लव मैरिज करके आया था, वह लड़की अनुसूचित जाति वर्ग की है. फिर ग्रामीणों ने जानकी और उसके परिजनों से बातचीत की, लेकिन शुरुआत में जानकी ने सरपंच बनने से मना कर दिया. गांव के लोगों ने जानकी को समझाया और उसे बताया कि उसका सरपंच बनना जरूरी है, नहीं तो गांव के कामकाज रुक जाएंगे. सबके मनाने पर जानकी मान गई और निर्विरोध निर्वाचित हो गई.
महिला सरपंच सहित पंच भी निर्विरोध निर्वाचित:जब गांव के लोगों को अपनी ग्राम पंचायत की महिला सरपंच मिल गई और उसे निर्विरोध निर्वाचित किया गया तो गांव के सभी लोगों ने फैसला लिया कर अब पंचों का चुनाव भी निर्विरोध किया जाएगा. इस तरह नाहर मऊ ग्राम पंचायत के 16 पंच भी निर्विरोध निर्वाचित हुए है, अब आदिवासी विकास खंड केसली की नाहरमऊ ग्राम पंचायत प्रदेश की समरस पंचायतों में शामिल की जाएगी.
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गांव में ये काम करना चाहती है जानकी:जानकी गौड़ एक साधारण आदिवासी महिला हैं, गांव की राजनीति से उनका ज्यादा नाता नहीं है. सरपंच बनने के बाद उन्होंने बताया कि, "गांव का मुखिया सरपंच होता है जिसका काम गांव की समस्याओं का निदान करना होता है. मैं गांव में हायर सेकेंडरी स्कूल और पुलिस चौकी खुलवना चाहती हूं."