सागर।मध्य प्रदेश में हुए नगरीय निकाय चुनाव (MP Nikay Chunav 2022) के प्रथम चरण में 11 नगर निगमों में 6 जुलाई को मतदान हुआ था. अनारक्षित महिला वर्ग के लिए सागर नगर निगम के महापौर पद के लिए 8 प्रत्याशी मैदान में थे. जिनमें से मुख्य मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी निधि सुनील जैन और भाजपा प्रत्याशी संगीता सुशील तिवारी के बीच में हैं. आईये जानते हैं नगर निगम का अब तक का इतिहास और कांग्रेस-भाजपा महापौर प्रत्याशियों की संपत्ति के बारे में.
बुंदेलखंड के एकमात्र नगर निगम का इतिहास:बुंदेलखंड में एक समय सागर एकमात्र नगर पालिका परिषद थी. जिसे 1980 के दशक में नगर निगम का दर्जा दिया गया था. नगर निगम का दर्जा मिलने के बाद 1983 में हुए नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस के नवीन जैन पहले महापौर निर्वाचित हुए थे. तब नगर निगम के महापौर का कार्यकाल 1 वर्ष का होता था. 1984 में कांग्रेस के हुकुमचंद चौधरी नगर निगम के महापौर बने. 1985 में कांग्रेस के उत्तमचंद खटीक महापौर बने थे. सागर नगर निगम के पिछले 42 साल के इतिहास में 1994 में हुए नगरीय निकाय चुनाव में अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर का चयन किया गया था. कांग्रेस के पार्षद लोकमन खटीक को तत्कालीन पार्षदों द्वारा चुना गया था. लेकिन 1997 में तत्कालीन सेवा दल के अध्यक्ष नवल पुरोहित की हत्या के मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद शासन द्वारा लोकमत खटीक को हटाकर वल्लभ नगर वार्ड के पार्षद राजाराम अहिरवार को 25 जुलाई 1997 को महापौर मनोनीत किया गया. जो करीब 8 माह तक इस पद पर रहे.
किन्नर कमला बुआ बनीं महापौर: अदालत से जमानत मिलने के बाद लोकमन खटीक को फिर महापौर बनने का मौका मिला. इसके बाद नगरीय निकाय चुनाव में महापौर और नगर पालिका अध्यक्षों के सीधे निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू हुई थी. 2010 में हुए महापौर चुनाव में सागर की जनता ने ऐतिहासिक फैसला करते हुए निर्दलीय किन्नर कमला बुआ को महापौर चुना था. कमला बुआ को कानूनी दांवपेच के चलते अपना पद छोड़ना पड़ा था. दरअसल उनका अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनका निर्वाचन निरस्त कर दिया था. इसके बाद सरकार द्वारा अंबेडकर वार्ड की पार्षद अनीता अहिरवार को महापौर मनोनीत किया गया. जो करीब 2 साल तक सागर की महापौर रहीं. इसके बाद 2015 में हुए नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अभय दरे ने जीत हासिल की थी.
भाजपा प्रत्याशी संगीता सुशील तिवारी: सागर में भाजपा की प्रत्याशी संगीता सुशील तिवारी की उम्र 59 साल है. उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. इस चुनाव के पहले ही राजनीति से उनका कोई लेना-देना नहीं था, वह एक ग्रहणी थीं. संगीता तिवारी के पति सुशील तिवारी युवावस्था से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं. वह कांग्रेस के टिकट पर सागर विधानसभा से दो बार चुनाव लड़ चुके हैं. लेकिन दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2015 में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली. नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के करीबी होने के कारण उनकी पत्नी संगीता तिवारी को भाजपा ने महापौर प्रत्याशी बनाया.