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बुंदेलखंड में बरसों का सूखा दूर होगा, केन बेतवा परियोजना (Ken-Betwa Link Project) को मंज़ूरी से बुझेगी प्यास - केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना

बुंदेलखंड इलाके के लोगों को मोदी सरकार ने बड़ी सौगात दी है.बरसों से पीने और सिंचाई के पानी की किल्लत से जूझ रहे बुंदेलखंड के इलाके को अब भरपूर पानी मिल सकेगा. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में केन बेतवा नदी को जोड़ने वाली परियोजना (Ken-Betwa Link Project) को मंज़ूरी दे दी गई है. इस परियोजना के पूरा होने पर 62 लाख लोगों को पीने का पानी मिल सकेगा जबकि 10.62 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई हो सकेगी (Bundelkhand water scarcity). मोदी सरकार के इस फैसले को उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है. बुंदेलखंड में बीजेपी की पैठ बनाने में केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकती है.

Modi Cabinet approves Ken-Betwa Link Project
बुंदेलखंड में 17 साल का सूखा दूर होगा

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Published : Dec 8, 2021, 6:14 PM IST

Updated : Dec 8, 2021, 7:40 PM IST

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सबसे पिछड़े इलाके बुंदेलखंड के लिए अच्छी खबर है. एमपी यूपी के बीच केन बेतवा लिंक परियोजना (Ken-Betwa Link Project) से जुड़ी सभी अड़चनों को खत्म करते हुए मोदी कैबिनेट ने मंज़ूरी दे दी है (Modi Cabinet approves Ken-Betwa Link Project).केंद्र सरकार ने केन और बेतवा नदी को आपस में जोड़ने वाली परियोजना को मंज़ूरी दी है. इस परियोजना पर 44,605 करोड़ की लागत आएगी जिसमें केंद्रीय खज़ाने से 39,317 करोड़ दिए जाएंगे. परियोजना को 8 साल में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है. बैठक के बाद सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंज़ूरी से यूपी और एमपी के बुंदेलखंड इलाकों के लोगों को पीने का पानी और खेती के लिए पानी मिल सकेगा.

केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना से बदलेगी बुंदेलखंड की तस्वीर

केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के पूरा होने के बाद बरसों से पानी के लिए तरस रहे बुंदेलखंड को राहत मिलेगी. बिजली उत्पादन से लेकर सिंचाई और पीने के पानी की कमी नहीं होगी. कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग में सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के फायदे गिनाए.अनुराग ठाकुर ने बताया कि परियोजना के पूरा होने पर-

1.103 मेगावॉट हाइड्रो पावर और 27 मेगावॉट सोलर पावर का उत्पादन

2.10.62 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में पूरे साल सिंचाई

3.मध्यप्रदेश के 8.11 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश के 2.11 लाख हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई

4.62 लाख लोगों को पीने का पानी

5.उत्तर प्रदेश में 2 बराज का निर्माण

6.मध्यप्रदेश के छतरपुर,पन्ना,टीकमगढ़,सागर,दमोह,दतिया,विदिशा,शिवपुरी ज़िलों को पानी मिलेगा

7.उत्तर प्रदेश के बांदा,महोबा,झांसी और ललितपुर ज़िलों को पानी की आपूर्ति

8.मध्यप्रदेश के पन्ना ज़िले में बांध बनाया जाएगा

केन बेतवा को जोड़ने वाली इस परियोजना को पूरा करने के लिए स्पेशल पर्पस व्हेकिल (Special Purpose Vehicle)का गठन किया जाएगा जिसे केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना प्राधिकरण (KBLPA)कहा जाएगा.

17 साल से लटकी थी परियोजना

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में सिंचाई और पेयजल की समस्या से निजात दिलाने के लिए 17 साल पहले केन बेतवा लिंक परियोजना का प्रस्ताव सामने आया था. इस बीच केंद्र और दोनों राज्यों में कई सरकारें बदली, लेकिन ये योजना मूर्त रूप नहीं ले पाई. केंद्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद उम्मीद जगी और अब उस पर मोदी कैबिनेट ने मुहर लगा दी.2004 में केन बेतवा लिंक की योजना का प्रस्ताव आया था.केंद्र में उस समय एनडीए की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार थी. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की मुलायम सिंह यादव सरकार थी जबकि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार थी और बाबूलाल गौर मुख्यमंत्री थे. दोनों राज्यों में तब इस योजना को लेकर केंद्र सरकार की मध्यस्थता से सहमति बनी थी.

क्या है केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना?
केंद्र यूपी और एमपी में बीजेपी की सरकार आने के बाद मध्य प्रदेश ने केन बेतवा लिंक परियोजना से उत्तर प्रदेश को पानी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इसके तहत मध्यप्रदेश यूपी के बुंदेलखंड क्षेत्र को 750MCM पानी देगा. परियोजना को 2005 में मंजूरी मिली थी. तभी से इस योजना से मिलने वाले पानी के लिए दोनों प्रदेशों के बीच विवाद था. 2021 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता के बाद पानी के बंटवारे को लेकर गतिरोध खत्म हुआ है.

Conclusion:

Last Updated : Dec 8, 2021, 7:40 PM IST

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