सागर। सरकार ने मुफ्त राशन योजना गरीब मजदूरों को राहत देने के लिए चलाई थी. लेकिन अब यह किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गई है. मुफ्त राशन मिलने के कारण खेतिहर मजदूरों की संख्या में भारी कमी आई है. फिलहाल रबी सीजन की फसल की कटाई चल रही है. लेकिन मजदूरों की कमी के कारण किसान परेशान हैं. एक तरफ तो मजदूर मिल ही नहीं रहे हैं और अगर मिल रहे हैं,तो मुंह मांगे पैसे मांग रहे हैं. पिछले साल तक फसल कटाई के लिए मजदूरी का तरीका पूरी तरह से बदल गया है. ऐसी स्थिति में किसान हार्वेस्टर से गेहूं की फसल कटवाने के लिए मजबूर हैं. भूसे के नुकसान के चलते किसानों को काफी घाटा हो रहा है.
गर्मी से गेहूं की फसल हो रही खराब:इस साल गर्मी अचानक बढ़ी है. तापमान मई के महीने की तरह तेवर दिखा रहा है. किसानों की गेहूं की फसल पक कर तैयार है, लेकिन तेज धूप के चलते गेंहू की बाली चटकने लगी है. ऐसे में किसान अपनी फसल काटने के लिए मजदूरों को ढूंढने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. उनके लिए मजदूर मिलना काफी मुश्किल हो गया है. दूसरी तरफ सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू कर दी है. लेकिन फसल कटने में हो रही देरी के कारण अपनी फसल नहीं देख पा रहे हैं.
फ्री राशन योजना जिम्मेदार: फसल कटाई के लिए खेतिहर मजदूरों की कमी के लिए किसान सरकार की मुफ्त राशन योजना को जिम्मेदार मानते हैं. सागर विकासखंड के बमोरी गांव के किसान गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि पिछले 20 दिन से गेहूं की फसल काटने के लिए मजदूर ढूंढ रहे हैं, लेकिन मजदूर नहीं मिल रहे हैं. बहुत सारी फसल हार्वेस्टर से कटवा ली. लेकिन घर पर गाय और भैंसों के लिए भूसे की व्यवस्था के लिए पूरी फसल हार्वेस्टर से नहीं कटवा सकते, क्योंकि उसमें भूसे का नुकसान हो जाता है. मजदूरों फसल काटने के लिए तैयार नहीं हैं, अगर कोई तैयार होता है तो मनमानी मजदूरी मांगते हैं. पिछले साल तक गेहूं की फसल की कटाई मजदूरों को गेहूं देकर की जाती थी. लेकिन अब मजदूरों के पास मुफ्त राशन योजना का राशन होने के कारण वह नगद मजदूरी मांग रहे हैं.