सागर। आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर पूरे देश में हर घर तिरंगा अभियान मनाया जा रहा है. इस अभियान के तहत घर-घर में तिरंगा फहराने का संकल्प लिया गया है. इस खास मौके पर ईटीवी भारत उन लोगों को याद कर रहा है, जो हर रोज तिरंगा फहराते हैं. इस देश में लाखों की संख्या में ऐसे लोग होंगे जो बारिश हो या आंधी तूफान या फिर कंप कपाती सर्दी रोजाना तिरंगा फहराने का काम करते हैं. हम बात कर रहे हैं उन सरकारी दफ्तरों की जिनमें रोजाना तिरंगे का आरोहण और अवरोहण किया जाता है. इसकी जिम्मेदारी संबंधित विभाग के उन कर्मचारियों की होती है जो ज्यादातर चपरासी और चौकीदार के पद पर होते हैं. सागर जिला कलेक्टर कार्यालय में पिछले 20 सालों से रोजाना ये जिम्मेदारी निभा रहे राजकुमार से ईटीवी भारत ने बात की. (Indian Independence Day) (Dil Se Desi)
आदर्श झंडा संहिता का करें पालन:हमारे देश में विकास खंड स्तर से लेकर जिला स्तर और संभाग स्तर के अलावा राज्य और राष्ट्रीय स्तर के ऐसे कई शासकीय दफ्तर हैं, जहां रोजाना तिरंगा फहराया जाता है. ये तिरंगा आदर्श झंडा संहिता के अनुसार फहराया जाता है. इस तिरंगे के आरोहण और अवरोहण की जिम्मेदारी संबंधित विभाग के एक अधिकारी की होती है. लेकिन झंडा फहराने का काम ज्यादातर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का होता है. इनमें से ज्यादातर भृत्य या चौकीदार होते हैं. इन लोगों को सूर्योदय होते ही जहां अपने शासकीय कार्यालय पर तिरंगा फहराना होता है, तो सूर्यास्त के पहले तिरंगा के अवरोहण की जिम्मेदारी भी इनके ऊपर ही होती है. आदर्श झंडा संहिता का पालन करना इनकी जिम्मेादारी होती है. (Azadi Ka Amrit Mahotsav)
20 सालों से निभा रहे झंडा फहराने की जिम्मेदारी: सागर जिला कलेक्टर कार्यालय में प्रतिदिन तिरंगा फहराया जाता है. इसकी जिम्मेदारी विभागीय स्तर पर जिला कलेक्टर कार्यालय के नाजिर की होती है. नाजिर द्वारा भृत्य या चौकीदार स्तर के कर्मचारी को झंडारोहण और अवरोहण की जिम्मेदारी सौंपी जाती है. इन्हें बाकायदा झंडा संहिता का अभ्यास कराया जाता है और तिरंगा फहराए जाने के नियम बताए जाते हैं. सागर जिला कलेक्टर कार्यालय में पिछले 20 सालों से राजकुमार बोहत ये जिम्मेदारी निभा रहे हैं. राजकुमार बोहत चौकीदार के पद पर कार्यरत हैं. राजकुमार रोजाना शाम 5 बजे कलेक्टर कार्यालय पहुंच जाते हैं और सूर्यास्त के पहले झंडा अवरोहण करते हैं. फिर इनकी जिम्मेदारी रात भर कलेक्टर कार्यालय की चौकीदारी की होती है और सुबह सूरज की रोशनी आते ही झंडारोहण की जिम्मेदारी उनके कंधे पर होती है, तब जाकर इनकी ड्यूटी खत्म होती है. (Har Ghar Tiranga Abhiyan)