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दिग्विजय सिंह की शिवराज को चिट्ठी लिखा- वेलफेयर से पुलिस स्टेट में बदल रहा है MP, खुरई कांड की SIT जांच की मांग

पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को चिट्ठी (digvijay singh letter to shivraj singh chouhan)लिखकर खुरई में हुए घटनाक्रम की एसआईटी से जांच कराने की मांग की है.सिंह ने लिखा है कि एक वेलफेयर स्टेट को भाजपा सरकार पुलिस स्टेट बना र. ही है.

digvijay singh letter to shivraj singh
दिग्विजिय सिंह ने सीएम शिवराज को लिखा पत्र

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Published : Feb 24, 2022, 6:01 PM IST

सागर। पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को चिट्ठी (digvijay singh letter to shivraj singh chouhan)लिखकर खुरई में हुए घटनाक्रम की एसआईटी से जांच कराने की मांग की है. उन्होंने शिवराज सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह पर इस मामले में कांग्रेसियों पर झूठे प्रकरण दर्ज कराने का आरोप लगाया है. सिंह ने कहा कि एक वेलफेयर स्टेट को भाजपा सरकार पुलिस स्टेट बना रही है. दिग्विजय ने आरोप लगाया कि राजनैतिक विरोधियों को परेशान करने के लिए उनपर झूठे मुकदमे दर्ज कराना भाजपा की नई शैली बन गई है.

दिग्विजिय सिंह ने सीएम शिवराज को लिखा पत्र

यह है मामला
दिग्विजय सिंह ने सीएम को भेजे अपने पत्र में लिखा है कि सागर जिले की खुरई तहसील में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ 27 जनवरी को भाजपा नेताओं द्वारा की गई मारपीट और किये गये उत्पात की जानकारी आप को अब तक लग चुकी होगी. किस तरह भाजपा नेताओं के इशारे पर पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता अरूणोदय चौबे और समर्थकों पर धारा 307 सहित अन्य गैर जमानती धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रदेश के हर जिले में कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के विरूद्ध पुलिस को ढाल बनाकर झूठे मुकदमे लगाकर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. सागर जिले की खुरई विधानसभा क्षेत्र से विधायक और आपके नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह सैकड़ों लोगों के साथ जुलूस निकालकर थाने गये थे और पुलिस पर दबाव डालकर गैर जमानती धाराओं में मामले दर्ज कराये हैं.

पत्र के साथ वीडियो भी भेजा
घटना के सबंध में पत्र के अलावा दिग्विजय ने कुछ वीडियो भी भेजें हैं. जिसमें उन्होंने दावा किया है कि खुरई स्थित एक पार्क में 11 जनवरी की शाम को किन्ही अज्ञात तत्वों ने सेल्फी पॉइंट को तोड़ा. इसके दूसरे दिन 2 एफआईआर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज करा दी गई. पहली एफआईआर में 4 कार्यकर्ता और फिर दूसरी एफआईआर में 4 कांग्रेस कार्यकर्ताओं के नाम जोड़े गए, जबकि इस बात के कोई साक्ष्य नहीं है कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सेल्फी पॉईंट तोड़ा था.

दबाव डालकर दर्ज कराई FIR
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि आपके खुरई विधायक और मंत्री भूपेन्द्र सिंह के दबाव में झूठी एफआईआर दर्ज कराई गई है. कांग्रेस नेता अरुणोदय चौबे 27 जनवरी को ज्ञापन देने तहसील ऑफिस जा रहे थे. इस बात की जानकारी मिलने पर भाजपा के सैकड़ों नेता और कार्यकर्ता भीड़ लेकर तहसील कार्यालय में जमा हो गए और उल्टे कांग्रेसियों को ही गिरफ्तार करने की मांग करते हुए तहसील परिसर में रखी कुर्सियां फेंकना शुरू कर दी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की. पत्र के साथ संलग्न वीडियों में भाजपा के नेता पुलिस को धक्का देकर धमकाते हुए दिख रहे हैं और पुलिस अधिकारी घबरा कर भाग रहा है. उन्होंने लिखा कि तहसील परिसर के आसपास लगे सीसीटीव्ही कैमरे घटना की सच्चाई उजागर करने में पर्याप्त हैं.जिसमें झंडे लिये भाजपा के लोग कांग्रेस के नेताओं से मारपीट और पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी की.

SIT गठित कर हो मामले की जांच
सिंह ने लिखा कि कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के विरूद्ध गैर जमानती धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने की घटना बताती है कि भारतीय जनता पार्टी ने सुचिता की राजनीति को तारतार कर दिया है. पूर्व में भी अरूणोदय चौबे को ‘बिनायठा हत्याकांड’ में फंसा कर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था. जिसमें माननीय न्यायालय ने उन्हें बरी कर दिया है. उन्होंने लिखा कि मेरा निवेदन है कि कांग्रेस नेताओं को प्रताड़ित करने के लिये रचे गये ‘‘खुरई कांड’’ की एस.टी.एफ. गठित कर जांच कराएं, ताकि प्रदेश को ‘वेलफेयर स्टेट’ से ‘पुलिस स्टेट’ के रूप में तब्दील होने से बचाया जाए.

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