सागर। डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित मानव विज्ञान विभाग की वेबीनार में आमंत्रित वक्ताओं पर एबीवीपी के एतराज और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा पुलिस के हस्तक्षेप के बाद वेबीनार शिव सागर विश्वविद्यालय की भागीदारी वापस किए जाने पर सियासत तेज हो गई है. मध्य प्रदेश कांग्रेस ने इन हालातों पर चिंता जताते हुए कहा कि भाजपा शिक्षा के केंद्र विश्वविद्यालयों को पुलिस स्टेट बनाने पर तुली हुई है और भाजपा समर्थक गुंडे यह तय कर रहे हैं कि विश्वविद्यालयों में क्या बोला जाए और क्या पढ़ाया जाए?
जानकारी देते एमपी कांग्रेस मीडिया उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता. शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित करने की कोशिश
मप्र कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कि डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय विश्व के शिक्षा जगत में अहम स्थान रखता है, लेकिन भाजपा और संघ के दबाव में एकेडमिक करिकुलम और दैनिक शैक्षणिक गतिविधियों में राजनीतिक हस्तक्षेप कर संकीर्णतावादी गुणवत्ता शिक्षा को प्रभावित कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कतिपय नेताओं ने वेबीनार में आमंत्रित दो प्रोफेसर्स को आतंकवादी और राष्ट्र द्रोही गतिविधियों में संलिप्त बताते हुए वेबीनार से पृथक करने की मांग करते हुए पुलिस अधीक्षक सागर को वेबीनार की वीडियो रिकॉर्डिंग करवाने की मांग की.
सागर की पुलिस ने 10 कदम आगे बढ़कर ने केवल विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष और कुलसचिव को धारा 505 लगाने की धमकी देते हुए दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए आगाह किया, जिससे घबराकर कुलसचिव ने विभागाध्यक्ष को वेबीनार रद करने के लिए निर्देशित किया. इस पत्र के बाद विभाग ने वेबीनार से अपने आप को पृथक कर लिया, किंतु अमेरिकन यूनिवर्सिटी ने वेबीनार जारी रखा.
अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला
भूपेंद्र गुप्ता ने कहा की दैनिक शैक्षणिक गतिविधियों को नियंत्रित करने का पुलिसिया प्रयास सागर यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा को कलंकित करने वाला है और अधिकारों का अतिक्रमण है. प्रदेश में शिक्षा संबंधी विचार-विमर्श से भी अब विद्यार्थी परिषद जैसे संगठन को डर लगने लग गया है. हाल ये हैं कि अब प्रदेश में कक्षायें या लेक्चर लेने से पहले दिल्ली सरकार से अनुमोदित करवाने की जरूरत पड़ने लग गई है.
पुलिस द्वारा विश्वविद्यालय को सुझाव दिए जा रहे हैं कि लोग लेक्चर में क्या कहेंगे, पहले से बता दो, वरना अगर कुछ गलत लगेगा, तो 505 की कार्रवाई की जाएगी. जासूसी तक तो ठीक था, अब तो खुल कर अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला हो रहा है. जिस विश्वविद्यालय के करिकुलम को पूरी दुनिया में प्रतिष्ठा की दृष्टि से देखा जाता है, आज उसी विश्वविद्यालय के छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के एक्सपोजर से वंचित करने का संकीर्णतावादी षड्यंत्र किया जा रहा है.
विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर पुलिसिया हमला
भूपेन्द्र गुप्ता ने सवाल किया कि पुलिस ने किस आधार पर यह तय किया कि संभावित वक्ता इस वेबीनार में क्या उद्बोधन देंगे और अपराध कारित होने के पूर्व ही धारा 505 लगाने की धमकी क्या विश्वविद्यालय की स्वायत्तता पर पुलिसिया हमला नहीं है? क्या इस तरह से भारत की शैक्षणिक संस्थानों को संकीर्णतावादियों द्वारा कब्जे में किया जाएगा. डॉ हरिसिंह गौर जैसे महान शिक्षाविद् और बैरिस्टर के विश्वविद्यालय को पुलिस निर्देशित करेगी कि क्या पढ़ाया जाए, क्या नहीं पढ़ाया जाए ?
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भूपेन्द्र गुप्ता ने कांग्रेस की ओर से मांग की है कि इस प्रकरण की तत्काल जांच कराई जाए और पुलिस से पूंछा जाए कि देश के कुछ प्रोफेसर्स को उन्होंने किस आधार पर राष्ट्रद्रोह की भावना से जोड़कर विश्वविद्यालय को धारा 505 में लपेटने की धमकी दी. कांग्रेस की छात्र इकाइयां संकीर्णता वादियों का मैदान गौर साहब की इस तपोस्थली को नहीं बनने देंगे और विभाग द्वारा और पुलिस द्वारा माफी नहीं मांगने पर जन आंदोलन करेंगे.