रीवा। शहर के रतहरा बस्ती में नगर-निगम ने सुबह कुछ झुग्गियों बुलडोजर चलाकर गिरा दिया था. निगम के अधिकारियों का कहना था कि इन झुग्गियों में रहने वाले लोगों को प्रधानमंत्री आवासों में शिफ्ट किया जाएगा. लेकिन मजदूरों को बेघर होने के बाद रात खुले आसमान में गुजरनी पड़ी है. इन लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने अब तक उनकी कोई मदद नहीं की है.
खुले आसमाम में रात बिताने को मजबूर हुए मजदूर ये भी पढ़ेंः गरीबों पर चला प्रशासन का 'डंडा', कोरोना काल में तोड़े घर
इस मामले में जमकर राजनीति भी हुई है. कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी ने नगर निगम की कार्रवाई को गलत बताया था. तो पूर्व मंत्री और रीवा से बीजेपी विधायक राजेंद्र शुक्ल ने इस मामले में बेवजह राजनीति करने का आरोप लगाया है. रीवा के रतहरा बस्ती में रहने वाले करीब एक सैकड़ा श्रमिक परिवारों की झुग्गियों को आज सुबह ही नगर निगम के बुलडोजर ने गिरा दिया था. इन लोगों को प्रधानमंत्री आवास में रहने का आश्वासन भी मिला. लेकिन आश्वासन के बावजूद अब भी झुग्गियों में रहने वाले ये लोग खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर है.
झुग्गियों में रहने वाली महिलाओं ने बताया कि उन्हें पीएम आवास देने का आश्वासन तो मिला था. लेकिन आज झुग्गियां गिराने के बात उनकी मदद करने के लिए कोई नहीं पहुंचा है. बुलडोजर चलने से घर में जो सामान रखा था वह भी पूरी तरह से बिखर गया. जिससे उन्हें नुकसान भी हुआ है. बच्चें भूखे ही सो गए. जबकि प्रशासनिक अमले ने उन्हें सेंट्रल किचन से भोजन कराने की बात कही थी. ये लोग स्ट्रीट लाइट के नीचे रहने को मजबूर है.