रीवा। चुनाव चाहे विधानसभा का हो या लोकसभा का किसान मतदाता दोनों ही चुनावों में अहम भूमिका निभाता है. रीवा में तकरीबन 65 फीसदी आबादी किसान परिवारों की है, जो विधानसभा सीट पर राजनीतिक रूख पलटने के लिये काफी है. ऐसे में किसानों का स्थानीय सांसद और केंद्र सरकार के प्रति क्या रवैया ये जानना भी जरूरी है.
लोकसभा चुनाव 2019 : रीवा के अन्नदाताओं के मन की बात
रीवा में 65 फीसदी आबादी सिर्फ किसान परिवारों की है और सत्ता पलटने के लिये ये आबादी काफी है. ईटीवी भारत ने लोकसभा चुवान के मद्देनजर किसानों से स्थानीय सांसद और केंद्र सरकार के प्रति उनका रवैया जाना.
किसानों से ईटीवी भारत की बातचीत के दौरान इस क्षेत्र से खास तौर पर दो ही मुद्दे सामने आये हैं. किसानों का कहना है कि सरकार को फसलों का समर्थन मूल्य बढा़ना चाहिये और आपदा के दौरान बर्बाद हुई फसल का उचित मुआवजा मिले. एक किसान ने पीएम मोदी से कृषि यंत्रों में सब्सिडी, महंगे फर्टीलाइजर्स को सस्ता करने,भ्रष्टाचार खत्म करने और खाद के दाम कम करने की मांग की.
किसानों का यह भी कहना रहा कि सरकार की किसान हितैषी योजनायें तो अच्छी हैं लेकिन उनका लाभ नहीं मिल पाया है. इसके अलावा इस इलाके के एक किसान का कहना रहा कि किसानों को फसल की सिंचाई के लिये बाण सागर बांध का पानी और बराबर मात्रा में खाद उपलब्ध हो रहा है, बिजली भी मिल रही है. वहीं एक किसान ने कहा कि केंद्र सरकार के स्वच्छता अभियान से गांव में स्वच्छता है और शौचालय बनने से भी बदलाव आया है.