रीवा। प्रदेश में इन दिनों लोगों को पानी नहीं मिलने से हाहाकार मचा हुआ है. वहीं रीवा जिले के कुशाभाऊ ठाकरे स्मृति जिला चिकित्सालय परिसर लंबे समय से प्रदूषित जल की समस्या से जूझ रहा है. इसके साथ ही अस्पताल के दूषित पानी को ट्रीट करने के लिए कोई भी फिल्टर प्लांट अस्पताल के अंदर नहीं लगाया गया है. वहीं इससे बेखबर प्रशासन इसपर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
रीवाः दूषित पानी के निराकरण से जूझ रहा जिला अस्पताल, वाटर फिल्टर लगाने की मांग
रीवा जिले के कुशाभाऊ ठाकरे स्मृति जिला चिकित्सालय परिसर लंबे समय से प्रदूषित जल की समस्या से जूझ रहा है. इसके साथ ही अस्पताल के दूषित पानी को ट्रीट करने के लिए कोई भी फिल्टर प्लांट अस्पताल के अंदर नहीं लगाया गया है.
⦁ चिकित्सालय के अलावा जिले भर में संचालित कई अस्पताल अपने गंदे पानी को ट्रीट करने की कोई व्यवस्था नहीं कर सके है. दुष्प्रभाव को रोकने वाले संयंत्र संस्थानों में नहीं लगे हैं.
⦁ अस्पताल के अलग-अलग वार्ड से निकलने वाले दूषित पानी में ड्रग घुले होते हैं. जिसकी चपेट में आने से किसी के भी स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है.
⦁ जिले के किसी भी अस्पताल में वार्ड से निकलने वाले प्रदूषित जल को निष्प्रभावी बनाने के पुख्ता इंतजाम नहीं है.
⦁ जिला चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि द्वारा वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के लिए सरकार से कई बार गुजारिश की गई, लेकिन किसी भी सरकार ने उनके इस प्रोजेक्ट पर ध्यान नहीं दिया.
⦁ हालांकि जिला चिकित्सा अधिकारी ने यह भी बताया कि उनके द्वारा वार्डों से निकलने वाले हानिकारक और दूषित जल में केमिकल युक्त पाउडर का छिड़काव किया जाता है, पानी को डिसइनफेक्ट कर नाले में बहाया जाता है.