भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना के कहर से जहां पूरे प्रदेश परेशान है, लॉकडाउन के चलते सबकुछ थम गया है. प्रदेश की सियासी गतिविधिया भी थम गई है. शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल का गठन तक नहीं हो पाया. जिससे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अकेले ही कोरोना महामारी से लड़ाई में मोर्चा संभाले हुए हैं. राज्यसभा चुनाव रद्द होने के बाद जौरा और आगर सहित प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव भी आगे बढ़ने की पूरी संभावना है. प्रदेश में अगले आने वाले कुछ महीनों में बहुत उठापठक की संभावना है.
विश्वव्यापी समस्या से मध्य प्रदेश अछूता नहीं है, इस वक्त सभी का ध्यान स्वास्थ्य सेवाओं पर है. लेकिन प्रदेश में मंत्रिमंडल का गठन न होने के कारण स्वास्थ्य मंत्री तक प्रदेश में मौजूद नहीं है. ऐसे में प्रदेश में 14 अप्रैल के बाद मंत्रिमंडल का गठन किया जा सकता है. क्योंकि प्रदेश में अब मंत्रियों की जरुरत महसूस हो रही है जो अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर इस महामारी से निपटने के लिए अधिकारियों के साथ काम करते.
प्रदेश के सियासी माहौल में क्या गुल खिलाएगा कोरोना
खास बात यह कोरोना वायरस के पहले तक प्रदेश की सियासी स्थितियां अलग थी. लेकिन अब प्रदेश में कोरोना वायरस एक बड़ा मामला बना गया है. जो उपचुनावों में एक बड़ा मुद्दा बनकर सामने आएगा. कांग्रेस जहा इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरेगी. तो बीजेपी भी इसी मुद्दे पर किए गए कामों को भुनाने का काम कर सकती है. खास बात यह है कि उपचुनावों में होने वाली रैलियों में भीड़ जुटने लिए भी गाइडलाइन जारी हो सकती है. कि एक नेता की रैली में कितने लोग इक्ठठे होंगे. जबकि नेताओं की रैलियों के लिए भी गाइडलाइन जारी होगी. ऐसे में प्रदेश के सियासी माहौल में कोरोना भी अब बड़ा सियासी मुद्दा बनकर सामने आने वाला है.
टल सकते हैं विधानसभा के उपचुनाव