डिंडौरी/रतलाम/शहडोल। देशभर में ईको फ्रेंडली गणेशजी की मूर्तियां उपयोग करने की मुहिम चलाई जा रही है. इसी क्रम में डिंडौरी नगर के मेकलसुता महाविद्यालय में 50 छात्र छात्राओं ने नर्मदा समग्र टीम से ईको फ्रेंडली गणेश बनाने का तरीका सीखा. रतलाम में एक समाजसेवी महिला पिछले 12 वर्षों से ईको फ्रेंडली गणेश जी की मूर्तियां बना रही है. शहडोल में भगवान गणेशजी की ईको फ्रेंडली मूर्तियां मार्केट में सजने के लिए तैयार हैं.
डिंडौरी में छात्रों ने सीखा ईको फ्रेंडली गणेशजी की बनाना
डिंडौरी में नर्मदा समग्र की टीम ने ईको फ्रेंडली गणेशजी की मूर्ति बनाने का तरीका बच्चों को सिखाया. उन्होंने इस तरीके को 9 वर्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व अनिल माधव दवे की प्रेरणा से सीखा था, जो नर्मदा और पर्यावरण की सुरक्षा की दिशा में काम कर रहे थे. शहर के मेकलसुता महाविद्यालय में लगभग 50 छात्र छात्राओं को नर्मदा समग्र की टीम के द्वारा ईको फ्रेंडली गणेश बनाने की विधि बताई गई.
मार्केट में छाया ईको फ्रेंडली गणेश का जादू रतलाम में एक समाजसेवी महिला बना रही ईको फ्रेंडली गणेश
रतलाम की महिला आर्टिस्ट भी घरेलू उपयोग की वस्तुओं का इस्तेमाल कर गणेशजी की सुंदर मूर्तियां बना रही है. समाजसेवी महिला उषा कश्यप नारियल और खाने की सुपारी के ऊपर मिट्टी का प्रयोग कर गणेशजी की सुंदर मूर्तियां बना रही है. यही नहीं उषा कश्यप स्कूली बच्चों को भी मिट्टी के गणेश जी बनाना सिखा रही है. नारियल और सुपारी पर बनाए गए गणेशजी की मूर्तियों की डिमांड मुंबई और बेंगलुरु के श्रद्धालु भी कर रहे हैं.
मार्केट में छाया ईको फ्रेंडली गणेश का जादू शहडोल में भी सजने लगे बप्पा के पांडाल
वहीं हर बार की तरह इस बार भी शहडोल में लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. भगवान गणेश की मूर्तियों से बाज़ार सज चुके हैं. इस बार भी गणपति की प्रतिमा स्थापित करने के लिए लोगों में उत्साह देखने को मिल रहा है. इसके अलावा मूर्तिकार भी मूर्तियों को आखिरी स्वरूप देने में लगे हुए हैं.
मार्केट में छाया ईको फ्रेंडली गणेश का जादू