मंदसौर। एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील गांधी सागर डैम की सुरक्षा पर एक बार फिर बड़ा खतरा मंडरा रहा है. मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा पर बने इस डैम में इन दिनों भारी मात्रा में पानी भरा है. इसके केचमेंट एरिया में पड़ी सरकारी जमीन पर बाहरी लोगों द्वारा लगातार किए जा रहे अतिक्रमण से डैम की सुरक्षा व्यवस्था खतरे में आ गई है. डैम को लेकर खुफिया तंत्र ने भी चिंता जताते हुए जिला प्रशासन को आगाह किया है. Gandhi Sagar Dam, Gandhi Sagar Dam CAG report
जरा सी चूक से मच सकती है तबाही:एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील गांधी सागर डैम में इस बार करीब 67 वर्ग किलोमीटर एरिया में पानी भर गया है. डैम का वर्तमान जल स्तर 1308.6 फिट पहुंच गया है. झील की सुरक्षा में जरा भी चूक होती है तो डाउन स्ट्रीम के राजस्थान और मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश के कई जिलों में तबाही मच सकती है. खास बात यह है कि डैम के केचमेंट एरिया और झील के किनारे पड़ी सरकारी जमीनों पर लगातार बाहरी लोगों द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है. इससे इस डैम की सुरक्षा व्यवस्था पर खतरे की घंटी बज रही है.
कैग की रिपोर्ट में बांध की सुरक्षा को भारी खतरा: इस संबंध में विधायक देवीलाल धाकड़ और स्थानीय लोगों द्वारा पहले भी प्रशासन को आगाह किया गया था. गांधी सागर निर्माण के दौरान यहां रोजगार की दृष्टि से पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के कई लोगों को मछली पालन के लिए भी बसाया गया था. इस क्षेत्र में अब कई राज्यों के लोगों की तेजी से आवाजाही भी बढ़ रही है. उधर 2 साल पहले हुई भीषण बारिश के दौरान भी जल संसाधन विभाग के नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक "कैग" ने भी अपनी रिपोर्ट में बांध की सुरक्षा को भारी खतरा बताया था. ताजा मामले में खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक इस डैम की सुरक्षा बढ़ाए जाने के संकेत से भी यहां रहने वाले लोगों में काफी दहशत का माहौल है.