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Gandhi Sagar Dam गांधी सागर डैम की सुरक्षा व्यवस्था खतरे में, प्रशासनिक अमले में हड़कंप, बांध के इर्द-गिर्द बसे लोगों का सर्वे शुरू

मंदसौर जिले में चंबल नदी पर बने गांधी सागर बांध को लेकर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि गांधी सागर बांध कमजोर हो गया है. करीब 67 वर्ग किलोमीटर एरिया में पानी भर गया है. झील की सुरक्षा में जरा भी चूक होती है तो डाउन स्ट्रीम के राजस्थान और मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में तबाही मच सकती है. इधर इस मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर गौतम सिंह ने डैम के इर्द-गिर्द की जमीन को तत्काल अतिक्रमण से मुक्त करने के आदेश दिए हैं. CAG report on Gandhi Sagar Dam, Gandhi Sagar Dam Security system in danger

CAG report on Gandhi Sagar Dam
गांधी सागर बांध हुआ कमजोर

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Published : Sep 8, 2022, 2:07 PM IST

मंदसौर। एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील गांधी सागर डैम की सुरक्षा पर एक बार फिर बड़ा खतरा मंडरा रहा है. मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा पर बने इस डैम में इन दिनों भारी मात्रा में पानी भरा है. इसके केचमेंट एरिया में पड़ी सरकारी जमीन पर बाहरी लोगों द्वारा लगातार किए जा रहे अतिक्रमण से डैम की सुरक्षा व्यवस्था खतरे में आ गई है. डैम को लेकर खुफिया तंत्र ने भी चिंता जताते हुए जिला प्रशासन को आगाह किया है. Gandhi Sagar Dam, Gandhi Sagar Dam CAG report

गांधी सागर बांध हुआ कमजोर

जरा सी चूक से मच सकती है तबाही:एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील गांधी सागर डैम में इस बार करीब 67 वर्ग किलोमीटर एरिया में पानी भर गया है. डैम का वर्तमान जल स्तर 1308.6 फिट पहुंच गया है. झील की सुरक्षा में जरा भी चूक होती है तो डाउन स्ट्रीम के राजस्थान और मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश के कई जिलों में तबाही मच सकती है. खास बात यह है कि डैम के केचमेंट एरिया और झील के किनारे पड़ी सरकारी जमीनों पर लगातार बाहरी लोगों द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है. इससे इस डैम की सुरक्षा व्यवस्था पर खतरे की घंटी बज रही है.

कैग की रिपोर्ट में बांध की सुरक्षा को भारी खतरा: इस संबंध में विधायक देवीलाल धाकड़ और स्थानीय लोगों द्वारा पहले भी प्रशासन को आगाह किया गया था. गांधी सागर निर्माण के दौरान यहां रोजगार की दृष्टि से पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के कई लोगों को मछली पालन के लिए भी बसाया गया था. इस क्षेत्र में अब कई राज्यों के लोगों की तेजी से आवाजाही भी बढ़ रही है. उधर 2 साल पहले हुई भीषण बारिश के दौरान भी जल संसाधन विभाग के नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक "कैग" ने भी अपनी रिपोर्ट में बांध की सुरक्षा को भारी खतरा बताया था. ताजा मामले में खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक इस डैम की सुरक्षा बढ़ाए जाने के संकेत से भी यहां रहने वाले लोगों में काफी दहशत का माहौल है.

गांधी सागर डैम पर दिख रहा खूबसूरत नजारा, दूधिया झरने के रुप में बह रहा पानी

जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने के दिये आदेश: इस मामले में अब जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया है. कलेक्टर गौतम सिंह (Mandsaur Collector Gautam Singh) ने जनप्रतिनिधियों के अलावा एसपी अनुराग सुजानिया और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक मीटिंग कर डैम के इर्द-गिर्द की जमीन को तत्काल अतिक्रमण से मुक्त करने के आदेश दिए हैं. कलेक्टर के आदेश के बाद राजस्व विभाग और स्थानीय प्रशासन ने डैम के चारों तरफ स्थित सभी 5 तहसीलों के गांव में बसे लोगों का सर्वे भी शुरू कर दिया है.

2 पॉइंट पर कार्रवाई:कलेक्टर गौतम सिंह ने बताया कि डैम की सुरक्षा को लेकर 2 पॉइंट पर कार्रवाई की जा रही है. जिसमें एक बिंदु पर डैम की सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ डैम के इर्द-गिर्द बसे लोगों की पहचान भी की जा रही है. कलेक्टर ने कहा कि इस मामले में प्रशासन काफी चौकन्ना है और प्रशासनिक स्तर पर और भी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं.

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