मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / city

गांधी सागर अभ्यारण में पक्षियों की गणना शुरू, शुरुआती गिनती में संख्या में बढ़ोतरी

गांधी सागर अभ्यारण में पक्षियों की गणना का काम चल रहा है. देश-विदेश के पक्षी प्रेमियों द्वारा ये कार्य किया जा रहा है. ये गणना तीन दिन तक 12 से 14 मार्च तक चलेगी. (Gandhi Sagar Sanctuary birds Counting)

Gandhi Sagar Sanctuary birds Counting of started Mandsaur News
गांधी सागर अभ्यारण में पक्षियों की गणना शुरू

By

Published : Mar 13, 2022, 7:40 AM IST

मंदसौर। देश में लगातार पक्षियों की संख्या कम होती जा रही है. गांधी सागर अभ्यारण में देश तथा विदेश के पक्षी प्रेमियों द्वारा पक्षियों की गणना की जा रही है. खासतौर पर गिद्धों को लेकर के जो सर्वे हो रहे हैं उसके परिणाम आशा के अनुरूप दिख रहे हैं. यहां गिद्धों का प्रजनन निरंतर जारी है यहां का वातावरण पक्षियों के लिए काफी अनुकूल होने की वजह से यहां विभिन्न प्रजातियों के पक्षी चेहक रहे हैं.

गांधी सागर अभ्यारण में पक्षियों की गणना

गांधी सागर अभ्यारण क्षेत्र में पक्षियों के गणना हुई प्रारंभ

मंदसौर जिले के गांधी सागर अभ्यारण में पक्षियों के तीन दिवसीय गणना का कार्य किया जा रहा है जिसमें अलग-अलग राज्यों से पक्षी प्रेमी व विदेशी पक्षी प्रेमी भी यहां पर गणना कार्य करने के लिए आए हुए हैं. इनके द्वारा तीन दिवसीय गणना 12,13 और 14 मार्च तक की जा रही है. इसमें पूर्व क्षेत्र में सात टीमों द्वारा गणना का कार्य किया जा रहा है. पूर्व के साथ ही पश्चिमी क्षेत्र में 6 टीमों द्वारा गणना का कार्य किया जा रहा है, अभी अंतिम गणना बाकी है.

गांधी सागर अभ्यारण में पक्षियों की गणना शुरू

प्रारंभिक गणना में पक्षियों की संख्या बढ़ी नज़र आ रही है
गांधी सागर अभ्यारण के लिए खुशी की बात यह है कि यहां पक्षियों की गणना के दौरान इनकी वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं. प्रारंभिक गणना में यहां पर पक्षियों की संख्या बढ़ती नज़र आ रही है. बताया जा रहा है कि यहां का वातावरण पक्षियों के प्रजनन के अनुरूप है, ऐसे में विलुप्त हो रही प्रजातियां की संख्या में भी लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. इसके अलावा विलुप्त हो रही गिद्धों की यहां पर छह प्रकार की प्रजातियां मौजूद हैं, जो अपने प्रजनन की क्रिया को निरंतर आगे बड़ा रही हैं. साथ ही पक्षियों की कई विदेशी प्रजातिया गांधीसागर अभ्यारण में चहक रही हैं.

यहां गिद्धों का प्रजनन निरंतर जारी

लगातार केमिकल पेस्टिसाइड्स के इस्तेमाल से देश के वातावरण में केमिकल फैलता जा रहा है, जिससे कई पक्षी विलुप्त होने की कगार पर हैं. ऐसे में हर नागरिक का यह कर्तव्य बनता है कि पक्षियों को बचाने के लिए देश के पर्यावरण मंडल को दूषित होने से बचाएं.

गिद्धों की गणनाः पवई वन क्षेत्र में मिले 500 से अधिक गिद्ध

(Gandhi Sagar Sanctuary birds Counting) (Mandsaur News)

ABOUT THE AUTHOR

...view details