कटनी। कटनी का एक ऐसा गांव है, जहाँ आज भी लोग खाई की चट्टानों से रिसने वाली एक-एक बूंद को एकत्रित कर दूर से पानी ढोने को मजबूर हैं. इस गांव में पानी की समस्या से लोग हलकान है, हालात ये हैं कि इस गांव में लोग अपनी बेटी को ब्याहने से भी परहेज करते हैं. रीठी तहसील क्षेत्र के बीच जंगल स्थित खुसरा गाँव में आज भी नल-जल योजना शुरू नहीं हुई. सदियों से यहां के ग्रामीणों की एक-एक बूंद एकत्रित कर पानी ढोते हुए पीढ़ियां गुजर गई हैं.
पानी के इंतजार में बीत गई सदियां: कटनी से महज 65 किलोमीटर दूर बहोरीबंद के रीठी का खुसरा गांव है. यहां सदियों से ग्रामीण पानी की समस्या से लोग जूझ रहे हैं. खुसरा ग्राम में महादेव मंदिर के नीचे एक खाई है और इस खाई की चट्टानों से रिसने वाली एक-एक बूंद को लोग एकत्रित करते हैं. गांव की महिलाएं व बच्चे दूर चट्टानों से पानी ढोने का काम सदियों से कर रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि आज तक उन्हें मूलभूत सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाया है, सदियों से वे पीने के लिए स्वच्छ पानी के लिए तरस रहे हैं.