जबलपुर।शारदीय नवरात्र पर्व पर मां महाकाली की भक्ति में संस्कारधानी डूबी हुई है. देवी मंदिरों और दुर्गा पंडालों में भक्तिगीतों की स्वर लहरियां गूंज रही हैं. 121 साल पुरानी गढ़ा फाटक की महारानी के रुप में प्रसिद्ध माता महाकाली के दरबार में भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है. सुबह से ही पूजन अर्चन करने वालों का तांता लग जाता है जो देर रात तक जारी रहता है. इसे देखने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु दर्शनों को गढ़ा फाटक पहुंच रहे हैं. (jabalpur famous mahakali pandal) (shardiya navratri 2022)
महाकाली के दर्शन के लिए भक्तों की उमड़ी भीड़:प्रतिवर्ष मां के भक्तों को इस दिन का इंतजार होता है कि कब माता से मिलन होगा. भक्त मां काली के स्वरूप को निहारने के लिए आतुर रहते हैं. जबलपुर का गढ़ा फाटक के पास मां काली की विशाल मूर्ति स्थापना से लेकर विसर्जन तक आकर्षण का केंद्र बनती है. सभी श्रद्धालु और देवी भक्त माता के इस विकराल स्वरूप को ममतामई रूप में देखने के लिए प्रतिवर्ष यहां आते हैं. गढ़ा फाटक के पड़ाव में स्थापित महाकाली प्रतिमा जिन्हें संस्कारधानी वासी जबलपुर की महारानी के नाम से जानते हैं, वहां लोगों की अटूट आस्था जुड़ी हुई है. पंडाल में स्थापित बृहद महाकाली के दर्शन मात्र से भक्तों के सभी कष्ट और रोग दूर होते हैं. दर्शन करने के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि, इन्हें मन्नत वाली महाकाली के नाम से भी जाना जाता है. कहते हैं सच्चे मन और श्रद्धा से जो कोई भी माता के सामने झोली फैलाता है, माता उसकी मनोकामना जरुर पूरी करती है.