जबलपुर।आदिवासियों की जमीन हथियाने के फर्जीवाड़े (registry declared void buying tribal land) पर जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाई है. जमीन वापस दिलवाने के लिए प्रशासन ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहा है. इसके साथ ही जिले में आदिवासियों की कब्जा की गई जमीन की खरीदी-बिक्री के मामले की जांच किए जाने की मांग तेज हो गई है. कांग्रेस ने मांग की है सरकार इस मामले में एक आयोग गठित करे और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
लैंड माफिया से मुक्त कराई आदिवासियों की 36 एकड़ जमीन, कलेक्टर ने कहा एट्रोसिटी एक्ट के तहत करेंगे कार्रवाई - 36 एकड़ आदिवासियों की जमीन कब्जा मुक्त कराई
आदिवासियों की जमीन हथियाने के फर्जीवाड़े (registry declared void buying tribal land) पर जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाई है. जमीन वापस दिलवाने के लिए प्रशासन ताबड़तोड़ कार्रवाई कर पिछले दिनों में 36 एकड़ जमीन कब्जा मुक्त कराई है.
अधिकारियों और कलेक्टर की मिलीभगत से हुआ कब्जा
कांग्रेस विधायक ने हाल ही में कई गई मौजूदा कलेक्टर की कार्रवाई को उचित बताते हुए आरोप भी लगाया है. संजय यादव का कहना है कि बीते कुछ सालों में आदिवासियों की हजारों एकड़ जमीन सामान्य लोगों ने अपने नाम कराई है.इन जमीनों की रजिस्ट्री के पीछे अधिकारियों और पिछले कलेक्टर की मिलीभगत रही है. विधायक संजय यादव ने आदिवासियों की जमीनों का सामान्य वर्ग में नामांतरण किए जाने की मामले की भी जांच कराने की बात कही है.
जारी रहेगी भूमाफियाओं के खिलाफ कार्यवाही
17 आदिवासियों को उनकी जमीन वापिस दिलवाने वाले जबलपुर के नए कलेक्टर इलैया राजा टी ने पूरे जिले में ऐसी कार्रवाई जारी रखने की बात कही है.कलेक्टर के मुताबिक अगर जांच में यह पाया जाएगा कि कोई गिरोह संगठित रुप से कम दामों में आदिवासियों की जमीनें हथिया रहा है या जबरन कब्जा कर रहा है तो उनके खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.