जबलपुर। गुरूवार को प्रदेशभर के अधिवक्ताओं ने न्यायालयीन कार्य बंद रखा. इस वजह से हाईकोर्ट में कई मामलों की सुनवाई आगे बढ़ा दी गई. जिसमें ओबीसी आरक्षण संबंधी मुद्दा भी था. अब इस मामले की अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी. मप्र प्रदेश हाईकोर्ट का जज नियुक्त किये जाने संबंधित आदेश जारी किये जाने के बाद कौरव ने गुरूवार को महाधिवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया. वे शुक्रवार को हाईकोर्ट जज के रूप में शपथ लेंगे.
पुष्पेंद्र कौरव ने महाधिवक्ता पद से दिया इस्तीफा
राष्ट्रपति की सहमति के बाद केन्द्रीय विधि विभाग द्वारा महाधिवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव को मप्र प्रदेश हाईकोर्ट का जज नियुक्त किये जाने संबंधित आदेश जारी किये जाने के बाद कौरव ने गुरूवार को महाधिवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया. वे शुक्रवार को हाईकोर्ट जज के रूप में शपथ लेंगे.
उन्होंने अपना इस्तीफा प्रदेश सरकार के विधि विभाग के प्रमुख सचिव को भेजा है. श्री कौरव के नाम की सिफारिश 1 सितम्बर को सर्वाेच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने की थी. जिसपर राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद केन्द्र सरकार के विधि विभाग द्वारा उनकी नियुक्ति के आदेश जारी किए गये हैं. आपको बता दें कि पुष्पेंद्र कौरव का जन्म गाडरवारा के डोंगरगांव में 4 अक्टूबर 1976 को हुआ था. उन्होंने 2001 में जबलपुर के एनईएस कॉलेज से एलएलबी की और 2006 में स्वतंत्र रूप से वकालत करने लगे. वर्ष 2009 में वह उपमहाधिवक्ता नियुक्त हुए और 2012 में अतिरिक्त महाधिवक्ता 2013 में वरिष्ठ अधिवक्ता और 6 जून 2017 को महाधिवक्ता नियुक्त हुए. प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद उन्हें पुन महाधिवक्ता बनाया गया था.
ओबीसी आरक्षण पर सुनवाई टली
आपको बता दें कि वकीलों ने विरोध जताते हुए आज काम बंद रखा था. वकीलों की वाहनों का न्यायालय परिसर में गेट नंबर 1 से प्रवेश प्रतिबंधित किए जाने से वकील खासे नाराज हैं. इसके विरोध में वकील धरना प्रदर्शन भी कर चुके हैं. विरोध स्वरूप मनाये जा रहे प्रतिवाद दिवस के कारण न्यायालय परिसर खाली रहा. जिला न्यायालय परिसर के गेट नंबर-1 से वकीलों के वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया था, जिससे वकीलों में खासी नाराजगी है.इस मामले में अधिवक्ताओं ने प्रवेश दिये जाने की मांग करते हुए मंगलवार को गेट नंबर-1 पर धरना प्रदर्शन भी किया था. जिसके बाद भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और प्रदर्शनकारी वकीलों की गिरफ्तारी कर उन्हें अस्थायी जेल ले जाया गया था. इस कार्रवाई से वकील और भड़क गए जिसके विरोध में गुरूवार को प्रतिवाद दिवस मनाने का ऐलान किया गया था. इसी वजह से आज वकील अदालतों में पैरवी के लिये हाजिर नहीं हुए जिससे मामलों की सुनवाई आगे बढ़ा दी गई.