जबलपुर। MP को कोरोना से थोड़ी राहत मिली तो अब डेंगू (Dengue) कहर बनकर टूट रहा है. खास बात ये देखने में आ रही है कि डेंगू उन जिलों में ज्यादा असर कर रहा है, जहां इस बार बारिश कम हुई है. जबलपुर (Jabalpur) के भी यही हालात हैं. यहां डेंगू से कुछ मौतें भी हो चुकी हैं, लेकिन सरकार ये मानने को तैयार नहीं है. 18 सितंबर को यहां केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) यहां आ रहे हैं. तो इससे पहले सांसद ने रस्म के तौर पर डेंगू पर एक बैठक भी ले ली.
डेंगू को रोकना है या अमित शाह को खुश करना है!
जबलपुर में भी डेंगू (Dengue in Jabalpur) के विकट हालात हैं. लोग कहते हैं कि हर गली, मोहल्ले में डेंगू ने पैर पसार लिए हैं. 18 सितंबर को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह(Home Minister Amit Shah) आ रहे हैं, लिहाजा आनन फानन में जबलपुर सांसद राकेश सिंह (MP Rakesh Singh) ने प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक ली. सांसद की डेंगू को लेकर की गई समीक्षा बैठक को कांग्रेस सियासी चश्मे से देख रही है. कांग्रेस का कहना था कि ये डेंगू की समीक्षा बैठक नहीं, बल्कि अमित शाह को डेंगू का मच्छर ना काट ले, इसलिए बुलाई गई थी.
जबलपुर में डेंगू का डंक
जबलपुर में कोरोना के बाद अब डेंगू (Dengue in Jabalpur) भी तेजी से फैल रहा है. शहर के अस्पतालों की हालत ये है कि इलाज के लिए बेड कम पड़ गए हैं. एक बेड पर तीन-तीन मरीज लेटे हुए हैं. क्या सरकारी, क्या प्राइवेट सभी अस्पतालों में यही हालात हैं. जबलपुर सांसद राकेश सिंह (MP Rakesh Singh) ने आज डेंगू पर प्रशासन के साथ मीटिंग की. बैठक में किसी ने उन्हें बताया कि जब भी शरीर मे प्लेट्स कम हो जाएं तो उसका मतलब ये नहीं है कि डेंगू ही हो. क्योकि कभी कभी वायरल बुखार भी 3 दिनों तक रहने से प्लेट्लेट्स (Platelets) कम हो जाते हैं.