जबलपुर।एसडीओ संतोष रैदास को 26 जुलाई की रात में आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था, ईओडब्ल्यू की जांच में अब ये भी खुलासा हुआ है, कि इस रिश्वत कांड में सिर्फ एसडीओ ही नहीं बल्कि एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और डिवीजन अकाउंटेंट के नाम भी शामिल हैं, जिसकी शिकायत फरियादी ने ईओडब्ल्यू से भी की थी.बता दें कि रिश्वत लेने के मामले में पकड़े गए एसडीओ संतोष रैदास रानी अवंती बाई सागर परियोजना दायीं तट नहर संभाग क्रमांक-2 में पदस्थ थे.
एसडीओ ने ली थी 50 हजार की रिश्वत
ठेकेदार सुदर्शन सोनकर ने साल 2016 में नहर के किनारे रोड बनाई थी, इस काम के लिए उन्होंने सुरक्षा निधि 4,22,000 रुपए और परफॉर्मेंस राशि 8 लाख रुपए डिपॉजिट की थी, इस राशि को वापस लेने के लिए एसडीओ के पास आवेदन दिया गया था, जिसे वापस देने के लिए सुदर्शन सोनकर से एसडीओ ने डेढ़ लाख रुपए की मांग की गई थी, जिसकी शिकायत उसने 22 जुलाई को आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो एसपी देवेंद्र प्रताप सिंह को की, जिसके बाद लगातार एसडीओ संतोष रैदास को रंगे हाथों गिरफ्तार करने के लिए जाल भी बिछाया गया और आखिरकार 26 जुलाई की रात को एसडीओ ट्रैप हो गया.
शिकायत में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और डिविजन अकाउंटेंट का भी नाम
ठेकेदार सुदर्शन सोनकर ने रिश्वत मांगने के मामले में जो शिकायत की थी, एसडीओ संतोष रैदास के अलावा एग्जीक्यूटिव इंजीनियर मिस्टर तलैया और डिवीजन अकाउंटेंट शर्मा की भी शिकायत की थी, ऐसे में एसडीओ संतोष रैदास के पास से रिश्वत के रुपए मिले थे, इसलिए अभी उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, कहा जा सकता है कि आने वाले समय में इन दो बड़े अधिकारियों पर भी गाज गिरेगी.