जबलपुर। प्रदेश में निर्बाध बिजली सप्लाई के लिए काम करने वाली मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने नवाचार करते हुए लाइनों की मानवरहित पेट्रोलिंग शुरू करने के योजना बनाई है, इसके लिए ड्रोन का सहारा लिया जा रहा है. 220kv की अति उच्च दाब लाइनों की पेट्रोलिंग ड्रोन तकनीक से कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, इसके तहत 80 हजार टावरों की ड्रोन से पेट्रोलिंग का लक्ष्य रखा गया है. फिलहाल 10000 टावरों को ड्रोन तकनीक के जरिए कवर किया जा रहा है. MP pilot project
देश में पहली बार बिजली ट्रांसमिशन लाइनों की होगी ड्रोन पेट्रोलिंग अक्टूबर से शुरू कर मार्च 2023 तक पूरे किए जाने का लक्ष्य:पत्रकारों से चर्चा करते हुए मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध निदेशक सुनील तिवारी ने बताया कि, "पहले चरण में इसकी शुरुआत 220kv अति उच्च दाब लाइनों के टावरों से हो रही है, बाद में 400 और 132kv की अति उच्च दाब लाइनों की पेट्रोलिंग भी ड्रोन से की जाएगी." मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक मध्यप्रदेश में 2850 किलोमीटर लंबी लाइनों के लगभग 10,000 टावरों की टॉप पेट्रोलिंग कर इसका डाटा एकत्रित किया जा रहा है, इसके जरिए प्राप्त डाटा का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर के जरिए बारीकी से जांच कर उनके रखरखाव और संधारण की कोशिशें की जाएंगी. ये कार्य अगले माह अक्टूबर से प्रारंभ कर मार्च 2023 तक पूरे किए जाने का लक्ष्य है. drone patrolling for electric transmission line
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ड्रोन पेट्रोलिंग से फायदा:ड्रोन से पेट्रोलिंग कराने से दुर्गम से दुर्गम भौगोलिक स्थिति में स्थापित टावरों की टॉप पेट्रोलिंग संभव हो सकेगी, साथ ही किसी लाईन के फॉल्ट होने पर ड्रोन से प्राप्त टावरों और लाईन की फोटो और विडियोग्राफी का तुंरत अन्वेषण कर फॉल्ट दुरूस्त किया जा सकेगा. इससे ब्रेकडाउन समय में उल्लेखनीय कमी आ सकेगी, इसके अलावा प्रिवेन्टिव मेंनटेनेंस में भी समय पर छोटे से छोटे फॉल्ट की भी मॉनीटरिंग कर आवश्यक सुधार प्रक्रिया की जा सकेगी.
80000 हजार के करीब है अति उच्च दाब टावर:मध्यप्रदेश प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी प्रदेश में स्थापित 39572 सर्किट किलोमीटर लंबी अति उच्च दाब लाइनों के 79915 अति उच्च दाब टावरों के सहारे विद्युत पारेषण करती है, पहाड़ों, नदी, तालाबों सहित अनेक दुर्गम भौगोलिक इलाकों से गुजरने वाली इन लाइनों के समय पर उचित रखरखाव के लिए एडवांस और प्रभावी तकनीक का उपयोग करना जरूरी हो गया था, जिससे शासन की नीति के अनुसार 24 गुणा 7 विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके. प्रदेश की 35 वर्ष से पुरानी लगभग 100 लाइनों की मानिटरिंग के लिए मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी पहली बार ड्रोन पेट्रोलिंग का उपयोग कर रही है. first time in mp drone patrolling
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यहां बनेंगे सब स्टेशन:टावरों की ड्रोन पेट्रोलिंग से प्राप्त डाटा का विश्लेषण कर जंग लगे एवं मिसिंग टावर पार्टस को चिन्हित कर सुधार कार्य समय पर संभव हो सकेगा. मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक कंपनी के द्वारा जीआईएस आधारित सब स्टेशन बनाने की भी योजना तैयार की गई है जिसे जल्द ही इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में आकार रूप दिया जाएगा.