जबलपुर। मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के संबंध में दायर 64 याचिकाओं पर लगातार पांचवें दिन भी शुक्रवार को सुनवाई जारी रही. ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई पूरी होने के बाद समर्थन में दायर याचिका पर सुनवाई शुरू हुई. न्यायालीन सयम समाप्त होने के कारण हाईकोर्ट के जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस वीरेंन्द्र सिंह की युगलपीठ के अंतिम सुनवाई सोमवार को सुचारू रूप से जारी रखने के आदेश जारी किये हैं.
ओबीसी आरक्षण के खिलाफ तथा पक्ष में 64 याचिकाएं :गौरतलब है कि आशिता दुबे सहित अन्य की तरफ से प्रदेश सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिशत किये जाने के खिलाफ तथा पक्ष में 64 याचिकाएं दायर की गई थीं. हाईकोर्ट ने कई लंबित याचिकाओं पर ओबीसी आरक्षण 27 प्रतिषत दिये जाने पर रोक लगा दी थी. सरकार द्वारा स्थगन आदेश वापस लेने का आवेदन दायर किया गया था. हाईकोर्ट ने सितम्बर 2021 को स्थगन आदेश वापस लेने से इंकार करते हुए संबंधित याचिकाओं को अंतिम सुनवाई के निर्देश जारी किये थे. प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने महाधिवक्ता द्वारा अगस्त 2021 को दिये अभिमत के आधार पर पीजी नीट 2019-20 पीएससी के माध्यम से होने वाली मेडिकल अधिकारियों की नियुक्ति तथा शिक्षक भर्ती को छोड़कर अन्य विभाग में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत दिये जाने के आदेश जारी कर दिये हैं. उक्त आदेश के खिलाफ भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी.