जबलपुर।हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ और जस्टिस पी के कौरव की युगलपीठ ने प्रदेश में संचालित सभी नर्सिंग कॉलेज की निरिक्षण रिपोर्ट 24 घंटों में पेश करने के निर्देश दिए थे. याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ और जस्टिस पी के कौरव की युगलपीठ को बताया गया कि 453 कॉलेजों का रिकॉर्ड लेकर वाहन रवाना हो गया है. युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई गुरूवार को निर्धारित की है. (jabalpur high court) (MP Nursing College Controversy)
ऐसे मिली कॉलेजो को मान्यता:लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि शैक्षणिक सत्र 2000-21 में प्रदेश के आदिवासी बहुल इलाकों में 55 नर्सिंग कॉलेज को मान्यता दी गई थी. मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने निरिक्षण के बाद इन कॉलजों को मान्यता दी गई थी. वास्तविकता में यह कॉलेज सिर्फ कागज में संचालित हो रहे हैं. ऐसा कोई कॉलेज नहीं है जो निर्धारित मापदण्ड पूरा करता हैं.
कुछ कमरों में हो रहा कॉलेज संचालित:अधिकांश कॉलेज की निर्धारित स्थल पर बिल्डिंग तक नहीं है. कुछ कॉलेज सिर्फ चार-पांच कमरों में संचालित हो रहे हैं. ऐसे कॉलेज में प्रयोगशाला सहित अन्य आवश्यक संरचना नहीं है. बिना छात्रावास ही कॉलेज का संचालन किया जा रहा है. नर्सिंग कॉलेज को फर्जी तरीके से मान्यता दिए जाने के आरोप में मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल के रजिस्ट्रार को पद से हटा दिया गया था. फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालित होने के संबंध में उन्होंने शिकायत की थी. शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण उक्त याचिका दायर की गई है.