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MP High court News : अपात्र फर्म को सिख दंगे का लाभ देने से हाईकोर्ट का इंकार, 26 साल पुरानी याचिका खारिज

1984 में हुए सिख दंगों के बाद आरबीआई द्वारा जारी सब्सिडी का लाभ नहीं दिये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर 26 साल पुरानी याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि याचिकाकर्ता की फर्म यह साबित करने में नाकाम रही कि दंगों में उसे किसी प्रकार का नुकसान हुआ है. (MP High court News)

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Published : Apr 28, 2022, 7:24 PM IST

Updated : May 5, 2022, 9:10 AM IST

MP High Court refuses to give benefit of Sikh riots to unapproved firm 26 year old petition dismissed
अप्रात्र फर्म को सिख दंगे का लाभ देने से हाईकोर्ट का इंकार, 26 साल पुरानी याचिका खारिज

जबलपुर। वर्ष 1984 में हुए सिख दंगों के बाद आरबीआई द्वारा जारी सब्सिडी का लाभ नहीं दिये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने 26 साल पुरानी याचिका को खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा है कि याचिकाकर्ता फर्म यह साबित करने में नाकाम रही कि दंगों में उसे किसी प्रकार का नुकसान हुआ है.

इन फर्मों ने दायर की थी ये याचिका: याचिकाकर्ता सरगोधा फलोर मिल्स, सरगोधा सोप वकर्स व दो अन्य फर्म की तरफ से दायर की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि साल 1984 में हुए सिख दंगों में उनकी फैक्टरी में लूट की गयी, मशीनों को तोड़ दिया गया. ऐसे में दंगा पीड़ितों के लिए जो आईबीआई द्वारा केन्द्रीय ब्याज सब्सिडी योजना लागू की गयी थी उस योजना का लाभ उन्हें प्रदान नहीं किया गया. याचिका में कहा गया था कि आरबीआई ने उनकी फर्म के लिए सब्सिडी व अन्य के तहत लगभग 58 लाख रुपये की राशि उनके बैंक एसबीआई को दी थी.

याचिका पर बैंक का कोर्ट में जबाब:याचिका की सुनवाई के दौरान बैंक की तरफ से बताया गया कि याकिचाकर्ता फर्म ने उन्हें दंगों में हुए नुकसान की जानकारी नहीं दी थी. इसके अलावा उन्होंने फर्म के पाटर्नर के बीच विवाद होने की स्थिति में राशि लौटाने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया था. याकिचाकर्ता फर्म ने साल 1989 में पार्टनरों के बीच समझौता होने के कारण कैश क्रेडिट योजना शुरू करने का आवेदन किया था. दंगो के बाद उन्होंने आर्थिक सहायता के लिए बैंक से लोन भी नहीं लिया था. ऐसे में अप्रात्र होने के कारण आरबीआई की सब्सिडी वापस कर दी गयी थी. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि- " तथ्यात्मक दस्तावेज का अवलोकन करने के बाद याचिकाकर्ता फर्म, योजना का लाभ प्राप्त करने की श्रेणी में नहीं आती है". (MP High court News)

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हाईकोर्ट की अन्य न्यूज़:पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील स्थित खेल ग्राउंड को बिना एनओसी व स्वीकति के क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर मनोरंजन स्थल के लिये अलॉर्ट किये जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव की युगलपीठ के समक्ष बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से जवाब के लिये समय की राहत चाही गई, वहीं आवेदक की ओर से आपत्ति दर्ज करायी गई कि कई अवसरों के बावजूद भी अभी तक जवाब पेश नहीं किया गया है. उधर, कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि यदि अगली सुनवाई पर जवाब नहीं आया तो न्यायालय अपना फैसला सुनायेगी, हालांकि विस्तृत आदेश फिलहाल प्रतीक्षित है. युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 6 मई को निर्धारित की है. (Jabalpur High court news)

Last Updated : May 5, 2022, 9:10 AM IST

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