जबलपुर।सिविल जज व एडीजे के एग्जाम की कॉपियां सूचना के अधिकार के तहत सार्वजनिक करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. जिसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू और जस्टिस डीडी बसंल की बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पब्लिक डोमेन में मुफ्त सूचना पहुंचाने का प्रस्ताव आकर्षक है परंतु व्यवहारिक नहीं. इसकी जटिलता व कठिनाईयां कामकाज में बाधा डाल सकती हैं.
पारदर्शिता बनाए रखने की लिए की गई थी मांग:यह मामला एडवोकेट यूनियन फॉर डेमोक्रेसी एंड सोशल जस्टिस एनजीओ की तरफ से दायर याचिका में उठाया गया था. याचिका में मांग की गई थी कि सिविल जज मुख्य परीक्षा की कॉपियां सार्वजनिक किया जाना चाहिए. कहा गया था कि निष्पक्ष व पारदर्शिता बनाने रखने के लिए सूचना के अधिकार के तहत कॉपियां दी जानी चाहिए. इसके साथ ही खास बात यह है कि सिविल जज परीक्षा में आरक्षित श्रेणी के बहुत से पदों पर सिलेक्शन नही किया गया है. जिसके कारण परीक्षा परिणाम के आधार पर चयन प्रक्रिया निष्पक्ष होने पर आशंका जताई गई है. याचिका में सुप्रीम कोर्ट के पारित किए गए फैसलों का भी हवाला भी दिया गया था.