जबलपुर/मंडला। मध्य प्रदेश का आदिवासी बहुल क्षेत्र मंडला देश का पहला "कार्यात्मक रूप से साक्षर" जिला बन गया है, राज्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने इसकी घोषणा की है. राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री ने सोमवार को स्वतंत्रता दिवस समारोह में एक सभा को संबोधित करते हुए यह बयान दिया. mandla first literate district
ऐसे हासिल हुई उपलब्धि:कलेक्टर हर्षिका सिंह ने बताया कि, "साल 2011 के सर्वे अनुसार मंडला जिलें में साक्षरता प्रतिषत 68 प्रतिशत था, जुलाई 2020 में हुए सर्वे के अनुसार मंडला जिले में लगभग सवा दो लाख व्यक्ति साक्षर नहीं थे. उन्होंने साल 2020 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर निक्षरता से आजादी अभियान की शुरूआत की, इस सामाजिक कार्यक्रम में महिला एव बाल विकास विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, आंगनबाडी और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सहयोग प्रदान किया. उनके सहयोग से गांव की शिक्षित महिलाओं को अभियान में जोडा गया, इसके बाद अभियान में लोग जुडते गए. जिन्होंने अध्ययन साम्रगी का सहयोग किया. शिक्षा विभाग में पास उपलब्ध पाठय साम्रगी का भी उपयोग किया गया. इस अभियान का मुख्य उददेष्य था कि सभी को कार्यात्मक रूप से साक्षर किया जाए, इसके लिए उन्हें अक्षर तथा अंक का ज्ञान होना चाहिए. लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए शासकीय कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र के सबसे शिक्षत व्यक्तियों को मंच पर बुलाया जाता था."
बच्चों को मिली बुर्जुगों को पढ़ाने की जिम्मेदारी:भौगोलिक रूप से मंडला जिले में जंगल, पहाड, नदी होने के कारण आवामन सुलभ नहीं था, सभी ग्राम पंचायत में अक्षर ज्ञानालय की शुरुआत की गई. स्कूलों में भी कक्षाओं का आयोजन किया गया, दिन के समय महिला व पुरूष काम में जाते थे, इसलिए रात के समय कक्षाओं का आयोजन किया गया. मनरेगा कार्य और मवेषियों चराने के दौरान भी कक्षाओं का आयोजन किया गया. स्कूली बच्चों को वॉलन्टियर बनाया गया और घर के बुर्जुगों को पढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई.