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फैन ने दी अनोखी श्रद्धांजलि! स्वर कोकिला लता मंगेशकर की 1436 तस्वीरों से बना डाली पेंटिंग

स्वर कोकिला लता मंगेशकर इस दुनिया से चली गईं. फैंस के साथ ही दुनिया उन्हें श्रद्धांजली दे रही है. लता मंगेशकर को सुनने वाले करोड़ों हैं, लेकिन जबलपुर के रामकृपाल नामदेव की दीवानगी (lata mangeshkars fan made a unique painting) सबसे अनोखी है. उन्होंने लता मंगेशकर की ऐसी पेंटिंग बनाई है, जिसमें लता जी के जीवन से जुड़े 1436 चित्र दिखाई देते हैं.

lata mangeshkars unique painting
लता मंगेशकर की अनोखी पेंटिंग

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Published : Feb 6, 2022, 3:38 PM IST

जबलपुर।भारत ने आज अपना सबसे अमूल्य रत्न खो दिया. स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar passes away) दुनिया को अलविदा कह गईं. रविवार को उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली. 92 साल की लता मंगेशकर की 8 जनवरी को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कोरोना और निमोनिया से 29 दिन तक वह जंग लड़ीं. फिर वह जिंदगी की जंग हार गईं. उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है. स्वर कोकिला की आवाज में ऐसा जादू था, जो उन्हें एक बार सुन ले. वह उनकी आवाज का दीवाना हो जाता है. जबलपुर के रामकृपाल नामदेव ने लता मंगेशकर की एक ऐसी पेंटिंग बनाई है, जिसमें उनके जीवन से जुड़े 1436 चित्रों को उकेरा गया है.

फैंस ने बनाई लता मंगेशकर की अनोखी तस्वीर

पेंटिग बनाने में लगे 11 महीने

चित्रकार रामकृपाल नामदेव की बनाई पेंटिंग इसलिए भी खास है क्योंकि यह उनके जीवन से जुड़ी कई घटनाओं को भी प्रदर्शित करती है. स्वर कोकिला की इस पेंटिंग में 1436 छोटी-छोटी तस्वीरें हैं, जो लता दीदी के जीवन से जुड़ी घटनाओं से प्रेरित है. इन चित्रों को एक दूसरे में ऐसे पिरोया गया है कि जब पूरे चित्रों को एक साथ देखा जाता है तब लता मंगेशकर की एक सुंदर तस्वीर नजर आने लगती है. इसमें लता मंगेशकर से मुलाकात करने वाले और संगीत की दुनिया से जुड़े कई महान कलाकारों के चित्रों को उनके साथ बड़ी ही बारीकी से उकेरा गया है. इस तस्वीर को बनाने में रामकृपाल को 11 महीने का वक्त लगा था.

जबलपुर के रामकृपाल नामदेव ने बनाई स्वर कोकिला की अनोखी पेंटिंग

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इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड-एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल

रामकृपाल नामदेव की 11 महीनों की मेहनत का नतीजा है कि उनकी बनाई पेंटिंग को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल किया गया है. रामकृपाल पहले भी लता की अनोखी तस्वीर बनाने कर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुके हैं. रामकृपाल बताते हैं कि वह लता मंगेशकर के बचपन से ही बड़े फैन रहे हैं, इसलिए अपनी कला में हमेशा लता मंगेशकर को शामिल करते हैं. जब उन्हें एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल किया गया तो वे इस तस्वीर को लेकर लता मंगेशकर के पास भी गए थे और उन्होंने भी इस तस्वीर की बेहद सराहना की थी.

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल हुई पेंटिंग

नम आंखों से कहा अलविदा

रामकृपाल ने बताया कि उनकी तबीयत खराब होने की खबर मिली तो वह काफी परेशान हो गए थे, तब से वह ईश्वर से उनके स्वस्थ होने की प्रार्थना (lata mangeshkars fan made a unique painting) कर रहे थे, लेकिन ऐसा हो नहीं सका और वह दुनिया को अलविदा कह गईं. रामकृपाल नामदेव ने भी उनको नम आंखों से अलविदा कहा.

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