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जबलपुर: महिला टीआई ने एसपी पर लगाए गंभीर आरोप, विवादाें में रहा है अर्चना नागर का कार्यकाल - Lady TI allegations against SP Siddhartha Bahuguna

विवादों को लेकर चर्चा में रहने वाली टीआई अर्चना नागर ने एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने से साथ ही कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होनें इसकी शिकायत मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग भोपाल में की है. महिला टीआई द्वारा आयोग के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार जैन को लिखित शिकायत भेजी है. जिसके बाद आयोग ने शिकायत दर्ज कर डीजीपी मध्यप्रदेश से इस मामले में चार सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है.

TI Archana Nagar made serious allegations against SP Siddhartha Bahuguna
टीआई अर्चना नागर ने एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा पर लगाए गंभीर आरोप

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Published : Apr 6, 2022, 8:32 AM IST

जबलपुर। महिला इंस्पेक्टर ने एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने से साथ ही कई गंभीर आरोप लगाए हैं. महिला ने इसकी शिकायत मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग भोपाल में की है, महिला इंस्पेक्टर ने आयोग के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार जैन को लिखित शिकायत भेजी है. जिसके बाद आयोग ने शिकायत दर्ज कर डीजीपी मध्यप्रदेश से इस मामले में चार सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है. आयोग ने 4 अप्रैल को डीजीपी को लिखे पत्र में निर्देशित किया है कि वे एडीजी या आईजी स्तर के अधिकारी से सभी आरोपों के संबंध में जांच कराएं और 29 अप्रैल से पहले प्रतिवेदन आयोग के पास भेजें.

आरोप लगाने वाली महिला टीआई 2 माह से गायब:फरवरी 2022 को भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर एसपी बहुगुणा ने महिला इंस्पेक्टर नागर को गोरखपुर थाने से हटाया था. नागर ने इसे हाईकोर्ट में चैलेंज किया, इसके बाद उसे निलंबित किया गया था. अभी हाईकोर्ट में प्रकरण लंबित है पर अर्चना नागर तब से लाइन में बिना आमद दिए ही गायब चल रही हैं. अब अचानक ही महिला टीआई के द्वारा मानव अधिकार में शिकायत करने का प्रकरण सामने आने पर इसे बदले की कार्रवाई माना जा रहा हैं.

एएसपी से विवाद को टीआई ने रोजनामचे में किया दर्ज: 4 दिसंबर 2021 को अर्चना नागर ने गोरखपुर थाने के रोजनामचे में आईपीएस रोहित काशवानी के खिलाफ रिपोर्ट लिख दी थी, ये विवाद रिश्वत को लेकर शुरू हुआ था. एएसपी रोहित कासवानी ने सिपाही भेजकर जांच कराई, तो टीआई ने आरक्षक से मोबाइल छीन लिया था. एएसपी थाने पहुंचे तो टीआई ने सारी मर्यादा लांघ दी, हालांकि बाद में टीआई नागर ने लिखित माफी मांगते हुए रोजनामचे पर हस्ताक्षर करके अपनी रिपोर्ट वापस ले ली.

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सीएसपी आलोक शर्मा से विवाद: गोरखपुर टीआई रहते हुए नागर का सबसे पहला विवाद सीएसपी गोरखपुर आलोक शर्मा हुआ था. ये विवाद भी रिश्वत से जुड़ा था, इसी रिश्वत के प्रकरण की जांच करने में एएसपी कासवानी भी टीआई के निशाने पर आ गए थे. जैसे-तैसे वो तो बच गए पर अब नागर ने आरोप एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा पर लगाने का प्रयास किया है.

महिला पर दर्ज हुआ था 26 लाख की धोखाधड़ी का मामला: एसपी पर शिकायत दर्ज कराने वाली अर्चना नागर पर साइबर सेल भोपाल में तैनाती के दौरान दिसंबर 2017 में राजधानी के गोविंदपुरा थाने में 26 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था. मामले में इंस्पेक्टर के पिता को भी आरोपी बनाया गया था, ये जालसाजी रेलवे स्टेशन में पार्किंग के ठेके को लेकर की गई थी.

टीआई अर्चना का विवादों से पुराना नाता: टीआई अर्चना नागर का पूरा पुलिस कार्यकाल ही विवादों से भरा रहा है. उज्जैन व भोपाल में पदस्थापना के समय भी वे रिश्वत मामले में बर्खास्त रहीं, कोर्ट के आदेश पर वापसी करने वाली अर्चना नागर का जबलपुर के गोरखपुर थाने में पांच महीने का कार्यकाल भी विवादों में रहा. गोरखपुर टीआई रहते हुए नागर पर आरोप लगा कि वे विभाग से रिटायर हो चुके एक अधिकारी के इशारे पर काम करती रहीं, आलम ये रहा कि दिवाली के पहले छोटी लाइन पर हुई फायरिंग में एक कुम्हार के घायल होने पर नरसिंहपुर में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए विजय यादव के भाई को आरोपी बनाने का प्रयास किया. जबकि ये फायर छोटू चौबे गैंग द्वारा किया गया था. इस खेल की जानकारी लगने पर एसपी ने आईपीएस प्रियंका शुक्ला को जांच सौंपी थी, इसके अलावा नागर के खिलाफ उनके ही स्टाफ ने रिश्वत मांगने संबंधी वीडियो अधिकारियों तक पहुंचाया था.

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