जबलपुर।औषधीय पौधों में मौजूद रोग प्रतिरोधक क्षमता से अब जल्द ही मनुष्यों की जटिल से जटिल बीमारियों का इलाज हो सकेगा. कैंसर, कोरोनावायरस समेत आने वाली नई नई बीमारियों पर पेड़ों का प्लांट डिफेंस मेकैनिज्म यानी रोग प्रतिरोधक संरचना निरोग बनाने का काम करेगी. जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय रिसर्च एवं बायोलॉजिकल साइंस डिपार्टमेंट ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. जो समाज के लिए एक बड़ा वरदान साबित हो सकता है.
जबलपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों का कमाल मील का पत्थर साबित होगी बायक्लीन विधि: विश्वविद्यालय के स्टडीज ऑफ रिसर्च इन बायो लॉजिकल साइंस डिपार्टमेंट के तीन प्रोफेसरों ने एक ऐसी विधि पर कामयाबी हासिल की है जो पूरे देश समेत दुनिया के लिए बायो साइंस की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी. 12 साल की कड़ी मेहनत के बाद बनाई विधि को बायक्लीन विधि नाम दिया गया है. अमूमन आसपास मौजूद शिवनाक यानि ओरोजयलम पेड़ के फलों पर रिसर्च की गई, जिसमें टिशू कल्चर यानि ऊतक संरचना के आधार पर बायक्लीन विधि के जरिए आर्टिफिशियल सीड तैयार की गई. इतना ही नहीं इस पेड़ में मौजूद प्लांट डिफेंस मेकैनिज्म को भी विशेषज्ञों ने खोजते हुए उसका प्रयोग विभिन्न बीमारियों में भी किया. जिससे मनुष्य में मौजूद विभिन्न बीमारियों का इलाज हो सकेगा.
रोगों को मात देगा औषधीय पौधों में मौजूद इम्यून सिस्टम Gwalior Biological Lab: जैव और रासायनिक सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनेगा देश, ग्वालियर DRDE में तैयार हो रही देश की पहली अत्याधुनिक बायोलॉजिकल लैब
2010 में शुरु किया था काम:आज से 12 साल पहले 2010 में बायक्लीन विधि का पेटेंट कराने का काम शुरू हुआ था. लेकिन 2006 से रिसर्च टीम इस विधि पर काम कर रही थी. टिशू कल्चर के द्वारा शिवनाक पेड़ से बायक्लीन निकालने का काम शुरू किया गया था. बायक्लीन एंटी कैंसर और जटिल बीमारियों की रोकथाम का एक सशक्त माध्यम साबित हुआ है. इसे पेड़ का इकोसिस्टम भी कहा जा सकता है, जो एंटीबैक्टीरियल टूल की तरह काम करेगा. इतना ही नहीं अमूमन जब भी ऐसे औषधीय पेड़ों की जानकारी विशेषज्ञों द्वारा लगाई गई जिनका अस्तित्व खत्म हो गया है. लेकिन बायक्लीन विधि के जरिए ऐसे औषधीय पेड़ों को सालों साल जीवित रखा जा सकेगा, और उन्हें काटने की भी जरूरत नहीं होगी.
जबलपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों का कमाल बीमारियों पर होगा कारगर साबित:लाजमी है देश दुनिया को बीते 3 सालों ने नई नई बीमारियों से अवगत कराया है. कोरोना वायरस, मंकीपॉक्स समेत नई नई बीमारियां लगातार सामने आ रही हैं. शोधकर्ता विशेषज्ञों का कहना है कि बायक्लीन विधि के जरिए भविष्य में आने वाली तमाम नई बीमारियों पर यह बेहद कारगर साबित होगा.
Jabalpur Rani Durgavati University Achievement, Medicinal Plants will cure diseases