जबलपुर। अंतरराष्ट्रीय प्रज्ञा मिशन के संस्थापक संत स्वामी प्रज्ञानंद के निधन के बाद उनके आश्रम पर कुछ लोगों की नजर गढ़ी है. आज के हिसाब से आश्रम की जमीन करोड़ों की है. प्रज्ञानंद महाराज की भतीजी ऋचा सिंह दावा कर रही हैं कि उनके पास महाराज की वसीयत है जिसमें उन्हें आश्रम का ट्रस्टी बनाया है. दूसरी ओर साध्वी विभानंद गिरी इन दस्तावेजों को फर्जी बता रही हैं. उन्होंने कहा कि कानून पर उन्हें भरोसा है, जो होगा ठीक होगा.
संत गए, करोड़ों का विवाद छोड़ गए
अंतरराष्ट्रीय संत के ब्रह्मलीन होने के बाद अब उनके आश्रम की करोड़ों की संपत्ति को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. संत के परिजनों ने आज पत्रकारों के सामने अपनी बात कही. स्वामी प्रज्ञानंद की भतीजी ने पत्रकारों से कहा कि उनके पास महाराज की वसीयत है जिसमें साफ लिखा है कि मैं ही उनके आश्रम की वारिस हूं. ऋचा सिंह ने साध्वी विभानंद गिरी पर भी गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने विभानंद गिरी के चरित्र पर भी सवाल उठाए. ऋचा सिंह ने कहा कि साध्वी ने साजिश रचकर महाराज का आश्रम हड़पने की कोशिश की है.
करणी सेना भी कूदा विवाद में
ऋचा सिंह पत्रकारों के बीच करणी सेनी के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह चौहान को भी लेकर आई थीं. करणी सेना भी कहा कि महाराज ऋचा सिंह को ही ट्रस्टी बनाकर गए हैं. इसके दस्तावेज भी हैं. जब उनसे पूछा कि साध्वी विभानंद गिरी दावा करती हैं कि महाराज ने खुले मंच से उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था, तो करणी सेना ने कहा कि ये जरूर महाराज पर दबाव डलवा कर कहलवाया होगा. करणी सेना ने चेतावनी दी कि अगर न्याय नहीं हुआ तो वो प्रदेशभर में आंदोलन करेगी.
साध्वी का दावा, ट्रस्ट पर सिर्फ मेरा हक
इस मामले में साध्वी विभानंद गिरी का कहना है कि कानून अपना काम करेगा. स्वामी प्रज्ञानंद के शांत होने के बाद अब उनकी सारी संपत्ति परिजन हड़पना चाहते हैं. इसलिए यह सारा खेल खेला जा रहा है. वो मेरे चरित्र पर कीचड़ उछाल रहे हैं. मुझे बदनाम करके आश्रम से बाहर निकलवाना चाहते हैं. उनका दावा है कि स्वामी प्रज्ञानंद महाराज ने भरे मंच से मुझे आश्रम की संचालिका मुझे घोषित किया था. उनके परिजनों का दावा झूठा है. अब मामला कोर्ट में है और कानून पर मुझे पूरा भरोसा है.