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आश्रम पर कब्जे की जंग! संत प्रज्ञानंद महाराज की भतीजी और सेवादार आमने सामने, करोड़ों की है ट्रस्ट की जमीन - jabalpur asharam vivad

जबलपुर के कटंगी स्थित प्रज्ञा नंद आश्रम साईं प्रज्ञा मिशन ट्रस्ट का विवाद गहराता जा रहा है. स्वामी प्रज्ञानंद महाराज के समाधि लेने के बाद उनकी सेवादार साध्वी विभानंद गिरी और महाराज की भतीजी आमने सामने हैं. दोनों ही ट्रस्ट पर अपना-अपना दावा कर रहे हैं. मामला कोर्ट में है. आज महाराज की भतीजी ने पत्रकारों के सामने अपना पक्ष रखा

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आश्रम के लिए जंग

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Published : Jul 21, 2021, 12:45 PM IST

जबलपुर। अंतरराष्ट्रीय प्रज्ञा मिशन के संस्थापक संत स्वामी प्रज्ञानंद के निधन के बाद उनके आश्रम पर कुछ लोगों की नजर गढ़ी है. आज के हिसाब से आश्रम की जमीन करोड़ों की है. प्रज्ञानंद महाराज की भतीजी ऋचा सिंह दावा कर रही हैं कि उनके पास महाराज की वसीयत है जिसमें उन्हें आश्रम का ट्रस्टी बनाया है. दूसरी ओर साध्वी विभानंद गिरी इन दस्तावेजों को फर्जी बता रही हैं. उन्होंने कहा कि कानून पर उन्हें भरोसा है, जो होगा ठीक होगा.

संत गए, करोड़ों का विवाद छोड़ गए

अंतरराष्ट्रीय संत के ब्रह्मलीन होने के बाद अब उनके आश्रम की करोड़ों की संपत्ति को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. संत के परिजनों ने आज पत्रकारों के सामने अपनी बात कही. स्वामी प्रज्ञानंद की भतीजी ने पत्रकारों से कहा कि उनके पास महाराज की वसीयत है जिसमें साफ लिखा है कि मैं ही उनके आश्रम की वारिस हूं. ऋचा सिंह ने साध्वी विभानंद गिरी पर भी गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने विभानंद गिरी के चरित्र पर भी सवाल उठाए. ऋचा सिंह ने कहा कि साध्वी ने साजिश रचकर महाराज का आश्रम हड़पने की कोशिश की है.

करणी सेना भी कूदा विवाद में

ऋचा सिंह पत्रकारों के बीच करणी सेनी के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह चौहान को भी लेकर आई थीं. करणी सेना भी कहा कि महाराज ऋचा सिंह को ही ट्रस्टी बनाकर गए हैं. इसके दस्तावेज भी हैं. जब उनसे पूछा कि साध्वी विभानंद गिरी दावा करती हैं कि महाराज ने खुले मंच से उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था, तो करणी सेना ने कहा कि ये जरूर महाराज पर दबाव डलवा कर कहलवाया होगा. करणी सेना ने चेतावनी दी कि अगर न्याय नहीं हुआ तो वो प्रदेशभर में आंदोलन करेगी.

साध्वी का दावा, ट्रस्ट पर सिर्फ मेरा हक

इस मामले में साध्वी विभानंद गिरी का कहना है कि कानून अपना काम करेगा. स्वामी प्रज्ञानंद के शांत होने के बाद अब उनकी सारी संपत्ति परिजन हड़पना चाहते हैं. इसलिए यह सारा खेल खेला जा रहा है. वो मेरे चरित्र पर कीचड़ उछाल रहे हैं. मुझे बदनाम करके आश्रम से बाहर निकलवाना चाहते हैं. उनका दावा है कि स्वामी प्रज्ञानंद महाराज ने भरे मंच से मुझे आश्रम की संचालिका मुझे घोषित किया था. उनके परिजनों का दावा झूठा है. अब मामला कोर्ट में है और कानून पर मुझे पूरा भरोसा है.

संत की भतीजी का दावा-मेरे पास वसीयत है

बता दें, कि जबलपुर के कटंगी स्थित प्रज्ञा नंद आश्रम साईं प्रज्ञा मिशन ट्रस्ट के नाम से जाना जाता है. जहां करोड़ों की संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है. अंतराष्ट्रीय संत स्वामी प्रज्ञानंद की मौत के बाद स्वामी प्रज्ञा नंद के परिजन और साध्वी विभानंद गिरी के बीच कटंगी स्थित प्रज्ञाधाम आश्रम की संपत्ति को लेकर विवाद है. स्वामी प्रज्ञानंद के परिजन आश्रम में पहले से ही रहने लगे थे. ऋचा सिंह का यह भी कहना है कि आश्रम बनते समय सभी भाइयों ने अपनी पैतृक जमीन आश्रम के लिए दान कर दी थी, जो अब 80 एकड़ जमीन है. स्वामी आश्रम में सभी भाइयों को रहने देते थे. काम करने का वेतन भी देते थे. लेकिन प्रज्ञानंद के समाधि लेने के बाद साध्वी विभानंद ने सभी परिजनों को बाहर का रास्ता दिखा दिया.

स्वामी प्रज्ञानंद के निधन के बाद आश्रम की संपत्ति को लेकर विवाद, परिजन और सेवादार आमने-सामने

पावर ऑफ अटर्नी से तय होगा हक

इस मामले में तहसीलदार प्रदीप मिश्रा का कहना है कि आश्रम का मामला न्यायलय में विचाराधीन है. ऐसे में एक पक्ष जबरन आश्रम में प्रवेश कर रहा है. धारा 145 के तहत कार्रवाई की जा रही है. दोनों पक्षों को समझाइश दी गई है कि शांति बनाए रखे. जिस पक्ष के पास पावर ऑफ अटर्नी होगी वहीं जमीन का हकदार होगा.

2020 में ली थी स्वामी प्रज्ञानंद ने समाधि

अंतरराष्ट्रीय प्रज्ञा मिशन के संस्थापक स्वामी प्रज्ञानंद महाराज को 15 जून 2020 को पूरी विधि विधान से कटंगी स्थित प्रज्ञा धाम में समाधि दे दी गई थी. स्वामी की समाधी के बाद उनके आश्रम को लेकर विवाद शुरू हो गया.

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