जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल (New Life peciality Hospital) में हुए भीषण अग्निकांड मामले में पुलिस ने अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. संजय पटेल (Dr Sanajy Patel) को डुमना एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया है. संजय पटेल अग्निकांड के बाद से ही फरार चल रहा था. पुलिस ने उस पर 10 हजार का इनाम घोषित किया था. (Jabalpur New Life Specialty Hospital Fire case)
अग्निकांड में 8 लोगों की हुई थी मौत डुमना एयरपोर्ट से गिरफ्तार:1 अगस्त को जबलपुर के न्यू लाईफ मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में अग्निकांड हादसे में 8 लोगो की मौत हो गई थी. वही करीब आधा दर्जन लोग झुलसकर जिंदगी और मौत से आज भी जूझ रहे हैं. जबलपुर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने आरोपियों की गिरफ्तारी पर 10-10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था. वहीं 2 अस्पताल संचालकों सहित मैनेजर व सहायक मैनेजर की गिरफ्तारी के बाद अन्य की तलाश की जा रही थी. इसी बीच पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि हॉस्पिटल का पार्टनर डॉ. संजय पटेल भोपाल से फ्लाइट से आने वाला है. विजय नगर टीआई संदीपिका ठाकुर ने एयरपोर्ट की घेराबंदी की और बाहर निकलकर टैक्सी में बैठ रहे संजय पटेल को गिरफ्तार कर लिया. (Hospital Director Dr Sanjay Patel Arrested)
25 प्रतिशत का पार्टनर है डॉ. संजय पटेल:पुलिस ने बताया कि कृष्णा कॉलोनी घमापुर निवासी 39 वर्षीय डॉ. संजय पटेल बीएचएमएस डिग्रीधारी है, और न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में 25 प्रतिशत का पार्टनर बन गया था. घटना के बाद फरार होने पर पुलिस उसकी तलाश कर रही थी. इधर हॉस्पिटल के पार्टनर डॉ. निशिंत गुप्ता व डॉ. सुरेश पटेल की तलाश में पुलिस ने कई जगह छापेमारी की, लेकिन वे नहीं मिले. बता दें कि इस मामले में विजय नगर थाने में अस्पताल डायरेक्टर, प्रोपाराईटर डॉ. निशिंत गुप्ता, डॉ. सुरेश पटेल, डॉ. संजय पटेल एवं डॉ. संतोष सोनी, सीनियर मैनेजर विपिन पांडेय एवं सहायक मैनेजर राम सोनी के विरूद्ध धारा 304, 308, 34 के तहत केस दर्ज किया गया था.
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अनफिट बिल्डिंग में संचालित था अस्पताल: आरटीआई से जानकारी मिलने के बाद इस मामले में कार्रवाई को लेकर विभाग के जिम्मेदारों से मांग की गई थी. लेकिन जब किसी के कान में जूं नहीं रेंगी, तो हाईकोर्ट जबलपुर में जनहित याचिका लगाई गई थी जो अभी विचाराधीन है. याचिकाकर्ता के वकील विशाल बघेल के मुताबिक न्यू लाइफ हॉस्पिटल में आग की घटना सामने आने के बाद प्रशासनिक अनियमितताओं का खुलासा हुआ है. आरटीआई के तहत प्राप्त दस्तावेज बताते हैं कि, अनफिट बिल्डिंग में अस्पताल संचालित हो रहा था. इसमें एंट्री और एग्जिट गेट एक ही था. इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने तमाम मापदंडों को दरकिनार करते हुए अस्पताल को बकायदा अनुमति दे दी गई थी, जबकि नियमों के तहत कहीं से भी भवन अस्पताल संचालित करने लायक नहीं था. (Hospital Operated in Unfit building)