जबलपुर। फ्लाईओवर के लिए नगर निगम द्वारा मनमाने तरीके से भूमि-अधिग्रहण किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में लगभग आधा सैकड़ा याचिकाएं दायर की गयी है. हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त आर्बिटेटर ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश की है. रिपोर्ट के कहा गया है कि लीज होल्डर जमीन के मूल्य के 80 प्रतिशत तथा फ्री होल्ड के लिए शत प्रतिशत मुआवजा पाने के हकदार है. (Jabalpur high court news flyover) (Jabalpur flyover land acquisition dispute)
jabalpur high court news फ्री होल्ड भवन स्वामियों को मिलेगा सौफीसद मुआवजा, फ्लाईओवर के लिए नगर निगम कर रहा भूमि अधिग्रहण - जबलपुर आर्बीटेटर ने हाईकोर्ट में पेश की रिपोर्ट
जबलपुर में फ्लाईओवर के लिए लोगों की व्यक्तिगत भूमि का अधिग्रहण करने का मामला सुलझता नजर आ रहा है. हाईकोर्ट में इस पर दायर की गईं करीब 50 याचिकाओं की सुनवाई के संबंध में उच्च न्यायालय ने आर्बिटेटर नियुक्त किया था. आर्बिटेटर ने शुक्रवार को अदालत को बताया कि फ्री होल्ड मालिकान सौफीसद मुआवजे के हकदार हैं. इस मामले में अब हाईकोर्ट अपना निर्णय सोमवार को सुना सकता है. (Jabalpur flyover land acquisition dispute) (Jabalpur high court news flyover)
जाने पूरा मामलाः हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एसएस झा उनके अधिवक्ता पुत्र के एसझा तथा सर्वाेच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीष पीपी नावलेकर, पूर्व महाधिक्ता ए अग्रवाल सहित दायर आधा दर्जन याचिकाओं में फ्लाइओवर के लिए जबरन भूमि अधिग्रहण किये जाने को चुनौती दी गयी है. याचिका में कहा गया है कि नगर निगम द्वारा शहर के अंदर फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है. पं लज्जा शंकर मार्ग में जहां यह पुल उतारा जा रहा है, उक्त मार्ग की चौड़ाई 80 फीट से अधिक निर्धारित की गयी है. यह मास्टर प्लान से अधिक है. इसके लिए लोगों की व्यक्तिगत भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है. इसके अलावा दमोह नाका से मदन महल मार्ग में भी लोगों की भूमि का जबरन अधिग्रहण किया जा रहा है. याचिका में कहा गया है कि भूमि अधिग्रहण के लिए नगर निगम द्वारा नोटिस जारी किये गये है. नोटिस में इस बात का उल्लेख नहीं किया गया है कि कितनी जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है.(Jabalpur flyover land acquisition dispute)
हाईकोर्ट ने जारी किए थे समझौते के आदेशः हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई करते हुए आपसी समझौते के लिए आर्बिटेटर नियुक्त करने के आदेश जारी किये थे. आर्बिटेटर की तरफ से पेश की गयी रिपोर्ट में उक्त सिफारिश की गयी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भवन के लिए शत प्रतिशत मुआवजा दिया जाना चाहिए. युगलपीठ ने सभी संबंधित पक्षकारों को रिपोर्ट की प्रति प्रदान करने हुए उस पर सोमवार को सुनवाई निर्धारित की है. याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता आदित्य संघी तथा अधिवक्ता अंषुमान सिंह ने पैरवी की. (Jabalpur Municipal Corporation acquisition flyove)