जबलपुर। हाईकोर्ट ने फिल्म अभिनेत्री शर्मिला टैगोर और उनके बेटे सैफ अली खान को कोहेफिजा की बेशकीमती जमीन के मामले में राहत दी है. वीआईपी रोड पर रैलिंग और फुटपाथ बनने से शर्मिला और सैफ की भोपाल के कोहेफिजा स्थित जमीन पर पहुंचने का रास्ता बंद हो गया है. इस मामले में अपना पुराना आदेश रद्द करते हुए हाईकोर्ट( Jabalpur High Court News) ने रिव्यू याचिका स्वीकार कर ली है.
शर्मिला टैगोर-सैफ को हाईकोर्ट से राहत
हाईकोर्ट से फिल्म अभिनेत्री शर्मिला टैगोर और उनके पुत्र सैफ अली खान को बड़ी राहत मिली है. (sharmila tagore saif relief jabalpur hc )ये मामला भोपाल में कोहेफिजा के खसरा नंबर 80 की जमीन का है. ये जमीन शर्मिला टैगोर और सैफ अली खान के नाम पर है. प्रशासन ने वीआईपी रोड के दोनों तरफ रैलिंग और फुटपाथ बना दिए . इससे जमीन तक पहुंचने के रास्ते बंद हो गए. इसी को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
African Cheetah arrival:अफ्रीकी चीतों पर ओमिक्रॉन का साया, मध्यप्रदेश के जंगलों में टल सकती है 'शिफ्टिंग'!
जमीन तक पहुंचने के रास्ते हो गए थे बंद
इस पर हाईकोर्ट ने भोपाल कलेक्टर को वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे. साथ ही यह भी कहा था कि जमीन मालिकों को इस मामले में सिविल कोर्ट में याचिका दाखिल करने का अधिकार है. सैफ और शर्मिला ने इस आदेश के खिलाफ अपील की थी, जो खारिज हो गई थी. इसी वजह से इसी साल जून में हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की गई थी. युगलपीठ ने शुक्रवार को रिव्यू याचिका स्वीकार करते हुए पूर्व में जारी आदेश निरस्त कर दिया है. हालांकि विस्तृत आदेश फिलहाल प्रतीक्षित है.
हत्याकांड की जांच सीबीआई से करवाने की मांग
देश की पहली स्वेदशी आर्टलरी गन धनुष में चाइना मेड बैरिंग घोटाले की जांच में सीबीआई के निशाने पर रहे जूनियर वर्क मैनेजर शारदा चरण खटुआ की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गयी थी. मृतक की पत्नी ने हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक को रिकॉर्ड के साथ 24 घंटो में उपस्थित होने के निर्देश दिये थे. याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस विशाल घगट को बताया गया कि पुलिस अधीक्षक छुटटी पर हैं. एकलपीठ ने पुलिस अधीक्षक को अगली तारीख में उपस्थित रहने के निर्देश जारी किए.
ये था मामला
याचिकाकर्ता मौसमी खटुका की तरफ से साल 2019 में दायर याचिका में कहा गया था, कि उसके पति एस सी खटुका गन कैरिज फैक्टरी में जूनियर वर्क मैनेजर के पद पर पदस्थ थे. जीसीएफ को धनुष आर्टलरी गन 155 एमएम के निर्माण का प्रोजेक्ट मिला था. गन में उपयोग होने वाला वायर लैस रोलिंग बैरिंग के ठेका दिल्ली की सिद्धि सेल्स को दिया गया था. कंपनी द्वारा चायना मेड बैरिंग में मेड इन जर्मन की सील लगाकर सप्लाई की गयी थी. दिल्ली सीबीआई इस मामले की जांच कर रही थी. उन्हें पूछताछ के लिए 17 जनवरी 2019 को तलब किया था. उनके पति 17 जनवरी 2019 की सुबह घर से निकले थे,जो वापस नहीं लौटे. बीस दिन बाद उसके पति की क्षतविक्षत लाश शासकीय निवास से एक किलोमीटर दूर पंप हाउस के पास 5 फरवरी को मिली. फैक्टरी क्षेत्र में मेन गेट में लगे सीसीटीवी कैमरे में उसके पति आते हुए दिखाई दे रहे थे. याचिका में कहा गया था कि आठ माह से अधिक का समय गुजर जाने के बाद भी पुलिस आरोपियों को गिरफतार नहीं कर पाई है. इसलिए प्रकरण को जांच के लिए सीबीआई के सुपुर्द किया जाये।