जबलपुर/श्योपुर। जबलपुर और श्योपुर में हो रही मूसलाधार बरसात अब लोगों के लिए मुसीबत बन गई है. हाल यह है कि सड़कें, तालाब में नजर आ रही हैं तो वहीं तालाब का पानी सड़कों पर भर जाने से लोगों के घरों में अब पानी भर गया है, जिससे लोगों का खाना पीना और सोना भी हराम हो चुका है. इसी के साथ भारी बारिश के चलते जबलपुर में बरगी डैम के 17 गेट खोल दिए गए है, जिसका नजारा देखते ही बन रहा है.
जबलपुर बरगी डैम के 17 गेट खुले जबलपुर बरगी डैम के 17 गेट खुले:2 दिनों के अंदर जबलपुर में तकरीबन 7 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई है, जो कि पिछले रिकॉर्ड के बेहद करीब है. जबलपुर में बने बरगी बांध से 17 गेटों को खोल कर पानी की निकासी की जा रही है, बांध के कैचमेंट एरिया मंडला, डिंडोरी और अमरकंटक में पानी की आवक तेजी से हो रही है. यही वजह है कि बरगी बांध के गेटों को कल देर रात एक बार फिर खोलना पड़ा. फिलहाल बरगी बांध से 5128 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिसका नतीजा है कि सभी नर्मदा घाट डूबे हैं और निचले क्षेत्रों में भी अलर्ट घोषित कर दिया गया है. लो प्रेशर एरिया का सिस्टम मध्यप्रदेश में सक्रिय है, यही वजह है कि इतनी ज्यादा बारिश देखी जा रही है. मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक फिलहाल लो प्रेशर का सिस्टम 24 अगस्त से एक बार फिर सक्रिय होगा और फिर मूसलाधार बारिश का दौर देखने को मिल सकता है.
नर्मदा नदी के किनारे बनी दुकानें डूबीं MP के 39 जिलों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त, भोपाल समेत इन जिलों में मंगलवार को स्कूल रहेंगे बंद
नर्मदा नदी के किनारे बनी दुकानें डूबीं: जबलपुर में नर्मदा का जलस्तर बढ़ जाने की वजह से नदी के किनारे बनी दुकानें पूरी तरह डूब चुकी हैं, वहीं शहर का तालाब हनुमान ताल लबालब भर चुका है, तालाब का पानी सड़कों पर नजर आने लगा हैं. शंकर नगर करमेता वार्ड नंबर 73 यानी परशुराम वार्ड में भी हाल बेहाल हैं. सड़कें तालाब में नजर आ रही हैं, लबालब पानी भर जाने की वजह से लोगों के वाहन नहीं चल पा रहे हैं. घुटने तक पानी होने से घरों में पानी भर गया है, यहां तक की लोगों के किचन और बेडरूम तक पानी पहुंच गया है, जिससे लोगों का खाना पीना और सोना तक हराम हो चुका है.
भारी बारिश के चलते लैंडस्लाइड, मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ का सड़क संपर्क टूटा
मध्यप्रदेश राजस्थान का संपर्क टूटा:बीती रात भर से हो रही झमाझम बारिश की वजह से जिले भर के नदी नाले उफान पर पहुंच गए हैं, पार्वती नदी खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर पहुंच गई है. इसी के साथ श्योपुर का राजस्थान के कोटा, बारां, इटावा और खतौली सहित कई शहरों से संपर्क कट गया है. सुंडी और सांड गांव टापू बने हुए हैं, आवागमन बंद होने से राहगीरों और वाहन चालकों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है.