जबलपुर। जबलपुर में डेंगू ने (Dengue In Jabalpur) काफी लोगों को डराया है. जबकि मलेरिया और चिकनगुनिया से लोगों को राहत मिली है. यहां स्वास्थ्य विभाग ने एक अभियान चलाया था, जिसमें 33 टीमों ने करीब 3 महीने तक घर-घर जाकर ढाई लाख घरों का सर्वे किया था.
डेंगू ने डसा, मलेरिया-चिकिनगुनिया ने दी राहत
जबलपुर में इस साल कोरोना के साथ-साथ डेंगू ने भी काफी लोगों को डरया है. जबलपुर में कई लोगों की डेंगू से इस साल मौत भी हुई है. करीब 600 से ज्यादा मरीज डेंगू से पीड़ित हुए हैं. राहत की बात यह रही कि मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीज डेंगू के मरीजों की तुलना में काफी कम रहे. (Health Survey In Jabalpur)जबलपुर में इस साल चिकनगुनिया के 78 तो मलेरिया के 14 मरीज मिले.डेंगू का खतरा अभी भी बना हुआ है.
सितंबर में डेंगू ने ढाया कहर
कोरोना के बाद डेंगू के डंक ने जबलपुर में कहर ढाया हुआ है. चाहे सरकारी अस्पताल हों या फिर प्राइवेट हॉस्पिटल, सभी जगह रोजाना डेंगू के मरीज भर्ती हो रहे हैं. कई मरीज घरों पर रहकर ही अपना इलाज करवा रहे हैं. जनवरी से लेकर अब तक डेंगू (Health Survey In Jabalpur) का सबसे ज्यादा खतरा सितंबर में सामने आया. इसमें डेंगू के 400 से ज्यादा मरीज सामने आए हैं .
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अभियान की खास बातें
- स्वास्थ्य विभाग की 33 टीमों ने डेंगू का खतरा बढ़ने पर घर-घर जाकर सर्वे अभियान चलाया
- स्वास्थ्य विभाग की 33 टीमों में डेढ़ सौ से ज्यादा कर्मचारी काम में लगे
- टीम ने करीब 3 माह में दो लाख से ज्यादा घरों का किया सर्वे
- सर्वे टीम को बुखार से पीड़ित दो लाख से ज्यादा मरीज मिले
- जिले में इस साल डेंगू के 600 से ज्यादा मरीज मिले
चिकनगुनिया के 78 मरीज मिले
सितंबर में सबसे अधिक डेंगू के मरीज मिले थे, जिनकी समय-समय पर प्लेट्स (Dengue In Jabalpur) भी चेक की गई थी. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुखार को लेकर लगातार सर्वे भी किया है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने पहले 20 और फिर 13 टीमों को तैनात किया.