जबलपुर।फर्जी दस्तावेजों से संस्था का चेयरमैन बनकर करोड़ों की हेराफेरी करने वाला जबलपुर का द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के चेयरमैन प्रेमचंद उर्फ पीसी सिंह का कारनामा लगातार सामने आ रहा है. पीसी सिंह ने शैक्षणिक संस्थाओं को मिलने वाली राशि का बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा किया. उसके दो स्कूलों को सरकारी अनुदान मिल रहा था. इसकी वजह से विशप पीसी सिंह फर्जीवाड़े के मामले में जेल में है. (jabalpur eow action)
पी.सी सिंह के नए कारनामे का उजागर: जेल में बंद बिशप पीसी सिंह का एक और कारनामा उजागर हुआ है. ईओडब्ल्यू ने जब दस्तावेजों की जांच की तो पता चला कि डायोसिस द्वारा संचालित होने वाले दो स्कूलों को सरकारी ग्रांट भी मिलती थी. इन स्कूलों की आय संबंधी जांच के लिए ईओडब्ल्यू द्वारा सोसायटी के ट्रेजरार को तलब किया गया है. ज्ञात हो कि डायोसिस द्वारा संचालित होने वाले स्कूलों को मिलने वाली राशि का बड़ा हिस्सा बिशप पीसी सिंह के पास आता था. इस राशि का उपयोग वह खुद और धार्मिक संस्थाओं को मदद करने के नाम पर खर्च करता था. इस राशि का कोई लेखाजोखा नहीं किया जाता था. उक्त मामले में ईओडब्ल्यू द्वारा की गई कार्रवाई के फेहरिस्त सामने आई है. ईओडब्ल्यू ने जब्त किए गए दस्तावेजों में डायोसिस के जबलपुर और दमोह स्थित दो स्कूलों को सरकारी ग्रांट मिलने की जानकारी लगी है. इसके बाद अब इन स्कूलों की आय-व्यय के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं. (treasurer clemens summoned by eow)