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दुश्मनों पर कहर बरपाने वाले हथियार बढ़ा रहे हैं जबलपुर की शान, T-55 टैंक मिला, ब्रम्होस मिसाइल मिलने की उम्मीद - jabalpur T-55 tank for research of students

भारतीय सेना दुश्मनों के छक्के कैसे छुड़ाती है अगर आपको यह देखना है तो जबलपुर के शासकीय इंजीनियरिंग कालेज आना होगा. जहां भारतीय सेना के दो घातक हथियारों को रखा गया है. इंजीनियरिंग कालेज को पहले एयर फोर्स ने मिग-21 फाइटर प्लेन दिया था. उसके बाद अब सेना ने T-55 टैंक कालेज को सौंपा है. कॉलेज को जल्द ही ब्रम्होस मिसाइल मिलने की उम्मीद है.

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लड़ाकू विमान टी-55 टैंक

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Published : Mar 12, 2022, 5:28 PM IST

Updated : Mar 12, 2022, 11:09 PM IST

जबलपुर।देश का गौरव बढ़ाने और रक्षा करने वाले भारतीय सेना की शान टी- 55 युद्धक टैंक को जबलपुर के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में स्थापित किया गया है. टी-55 टैंक को पुणे डिफेंस डिपो से 6 मार्च को सड़क मार्ग से जबलपुर लाया गया था. 1983 बैच के पूर्व छात्र वी.के सक्सेना के प्रयास से यह टैंक कॉलेज को मिला है. कालेज में स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य छात्र सेना की ताकत को समझने में निपुणता हांसिल कर सकें. (jabalpur engineering college got fighter aircraft T-55 tank for research of students)

दुश्मनों के खिलाफ बरपा चुका है कहर
सोवियत संघ द्वारा तैयार किया जानें वाला यह टैंक भारत की शान है. यह टी- 55 युद्धक टैंक पाकिस्तान के खिलाफ भी कहर बरपाया चुका है. इसका निशाना जमीन से आकाश तक अचूक है. टैंक का वजन 31 टन बताया जा रहा है. इसे उठाने के लिए तीन क्रेन का सहारा लिया गया था.

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कॉलेज में जल्द पहुंचेगा ब्रह्मोस
कुछ माह पहले एयरफोर्स ने शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज जबलपुर को मिग-21 फाइटर प्लेन दिया था. जिसे कॉलेज के सामने स्थापित किया गया है. भारत की शान टी- 55 टैंक भी कॉलेज को मिल गया है. कॉलेज में अमृत महोत्सव के दौरान सेना के इन हथियारों को स्थापित किया जा रहा है. मिग-21-टी-55 टैंक पाहले से स्थापित है. अब ब्रह्मोस मिसाइल मिलने की उम्मीद है.

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टैंक स्थापित करने में लोक निर्माण विभाग का योगदान
4 माह पहले इंजीनियरिंग कॉलेज में मिग-21 फाइटर प्लेन को स्थापित किया गया था. इस प्लेन का बेस बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने अपनी सेवा दी थी. अब टी-55 टैंक को कालेज में रखा जा रहा है. पुनः लोक निर्माण विभाग बेस को तैयार कर रहा है. विभाग के सब इंजीनियर की मानें तो उन्हें सेना के टैंक को स्थापित करने का मौका मिलने से गर्व है. मिग-21 के बाद टी-55 टैंक को इंजीनियरिंग कॉलेज में रखने का मुख्य उद्देश्य है कि छात्र भारतीय सेना की ताकत को समझ सकें.

Last Updated : Mar 12, 2022, 11:09 PM IST

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