जबलपुर। खंदारी जलाशय की संरक्षित भूमि डुमना एयरपोर्ट विस्तारीकरण तथा ट्रिपल आईटी को प्रदान किये जाने के संबंध में हाईकोर्ट ने शासन से भूमि के संबंध स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये थे. सरकार की तरफ से पेश की गयी रिपोर्ट में बताया गया कि एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए नियम अनुसार जमीन का आवंटन किया गया था. ट्रिपल आईटी को साल 2006 में आवंटित की गयी भूमि का पद नगर वन था. जिसका साल 2014 भूमि का पद परिवर्तन का सार्वजनिक व अर्ध्द सार्वजनिक किया गया. अब अदालत ने इस मामले में सुनवाई के अगली तारीख अगले साल तय की है. (jabalpur answer filed by the government in court)
jabalpur city forest land allotment सरकार की ओर से हाईकोर्ट में जवाब दाखिल, जाने क्या बताया गया उच्च न्यायालय को - जबलपुर जबलपुर सिटी फॉरेस्ट लैंड एलॉटमेंट
सरकारी जमीन का आवंटन और उनका लैंड यूज यह दोनों ही बड़े ही तकनीकी मामले होते हैं. ऐसा ही एक मामला जबलपुर की हाईकोर्ट में लम्बे समय से चल रहा है. सरकार की ओर से गुरुवार को अदालत में जवाब दाखिल किया गया था. इसके बाद उच्च न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई के लिए अगले साल की तारीख दो जनवरी तय की है. (jabalpur city forest land allotment court)
जाने क्या है मामलाः हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लेते हुए अगली सुनवाई 2 जनवरी को निर्धारित की है. वर्ष 1997 में गढ़ा गौड़वाना संरक्षण समिति व अन्य की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि जबलपुर के 37 तालाबों से सात विलुप्त हो गये है. दस जल तालाब व्यक्तिगत है तथा 20 तालाब के संरक्षण की जिम्मेदारी सरकार की है. सरकार द्वारा सिर्फ 14 जलस्त्रोत के लिए राशि का आवंटन किया गया था. हाईकोर्ट ने साल सितम्बर 2014 में एस्पो को तालाब संरक्षण के लिए निर्देशित किया था. योजना के कार्यवाहन के लिए एस्पो को 6 माह का समय दिया गया था. वहीं याचिकाकर्ता कर्नल एके रामनाथन की ओर से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि खंदारी जलाशय से शहर में पानी की जल सप्लाई की जाती है. खंदारी जलाशय कई दशकों से शहर के लोगों की प्यास बुझा रहा है. भारत राजपत्र 1908, खंदारी झील का जलग्रहण क्षेत्र 13.597 वर्ग किमी. जो 3.360 एकड़ के लगभग है. (jabalpur know what government told to court)
हवाई अड्डे के लिए आवंटित हुई थी भूमिः हवाई अड्डा विस्तार सहित परियोजनाओं के लिए खंदारी जलाशय की 40.88 प्रतिशत जमीन आवंटित की गयी है. और अब 59.12 क्षेत्र ही बचा है. इसके अलावा अन्य योजनाओं के लिए भी नगर निगम जमीन का आवंटन किया गया है, जो प्रारंभ नहीं हुई है. युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि इन योजनाओं के लिए दूसरी जगह जमीन प्रदान की जाए. युगलपीठ ने एस्पो व नीरी को अनावेदक बनाये जाने के आवेदन को स्वीकार करते हुए उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. युगलपीठ ने डुमना विस्तारीकरण के लिए आवंटित जमीन में ही निर्माण जारी रखने के अलावा अन्य निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी. (jabalpur city forest land allotment high court)