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jabalpur Bishop Case: ईओडब्ल्यू की जांच में एक और खुलासा, बिशप के सारे खर्चों का बिल भरते थे स्कूल

जबलपुर में ईओडब्ल्यू की जांच (Revelations EOW investigation) में पूर्व बिशप पीसी सिंह को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है. बिशप के सारे खर्चों का बिल स्कूल के पैसों से भरा जाता था. ईओडब्ल्यू को डायोसिस से जुड़े स्कूलों के दस्तावेजों की कुछ रसीदें मिली हैं, जिसमें पता चला है कि पीसी सिंह द्वारा वर्ष 2004 से 2022 तक धार्मिक आयोजन करने के नाम पर स्कूलों को मिलने वाली फीस की बड़ी रकम निकाली गई, उस राशि का उपयोग पार्टियां करने के लिए किया गया.  (Jabalpur Bishop Case) (Bishop Revealed in EOW Investigation) (School used to pay Bills for Bishop Expenses) (Jabalpur Bishop PC Singh) (Jabalpur EOW Action)

Bishop Revealed in EOW Investigation
बिशप के सारे खर्चों का बिल भरते थे स्कूल

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Published : Oct 16, 2022, 11:32 AM IST

जबलपुर। शैक्षणिक संस्थाओं की आड़ में करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़ा मामले में जेल में बंद पूर्व बिशप पीसी सिंह के रोजाना नये-नये कारनामे सामने आ रहे हैं. अब EOW की टीम को यह जानकारी भी मिली है कि बिशप सिंह अपने सारे खर्चों का बिल स्कूल से वसूलता था. EOW ने जांच के दौरान स्कूलों से रसीदें जब्त की हैं, जांच में खुलासा हुआ है कि पीसी सिंह हर साल आधा दर्जन से अधिक बड़ी पार्टियां करता था और इसका सारा खर्च स्कूल के खातों में जोड़ा जाता था.

बिशप के सारे खर्चों का बिल भरते थे स्कूल

स्कूलों के दस्तावेजों की रसीदें मिली: सूत्रों के अनुसार जांच के दौरान ईओडब्ल्यू को डायोसिस से जुड़े स्कूलों के दस्तावेजों की कुछ रसीदें मिली हैं, जिसमें पता चला है कि पीसी सिंह द्वारा वर्ष 2004 से 2022 तक धार्मिक आयोजन करने के नाम पर स्कूलों को मिलने वाली फीस की बड़ी रकम निकाली गई, उस राशि का उपयोग पार्टियां करने के लिए किया गया. इन पार्टियों में देश के प्रमुख शहरों के अलावा विदेशों से भी लोगों को आमंत्रित किया जाता था. जांच टीम द्वारा जब्त की गई रसीदों के आधार पर यह पता लगाया जा रहा है कि ऐसे आयोजनों के नाम पर किन संस्थाओं को कितना भुगतान किया गया है.

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पार्टियों में पहुंचते थे विदेशों से लोग: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, माडरेटर बनने के बाद पीसी सिंह को दिल्ली के चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया भवन ऑफिस के लिए जगह मिली थी. इस ऑफिस में जब भी पीसी सिंह पहुंचता था तो वहां उसके अधीनस्थ आने वाले दो दर्जन से अधिक बिशपों को बुलाया जाता था. इस जानकारी के आधार पर पीसी सिंह के दिल्ली स्थित ऑफिस की भी जांच की जा सकती है, जिसमें फर्जीवाड़े से जुड़े कुछ अहम दस्तावेज मिलने की संभावना जताई जा रही है. साथ ही पीसी सिंह द्वारा डायोसिस संस्था के नाम पर कुछ वाहनों की खरीदी की गई थी, इनका निजी उपयोग किया जाता था, और इन वाहनों के अलावा स्वयं व परिवार के नाम पर खरीदे गये वाहनों के रखरखाव व ईंधन पर होने वाला व्यय स्कूल के फंड से लिया जाता था, जांच टीम द्वारा इसका भी ब्यौरा जुटाया जा रहा है.

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