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jabalpur advocate suicide case पुलिस ने अज्ञात वकीलों के खिलाफ दर्ज की दो एफआईआर, कड़ी सुरक्षा में हुआ युवा अधिवक्ता का अंतिम संस्कार - जबलपुर कड़ी सुरक्षा में अधिवक्ता का अंतिम संस्कार

युवा अधिवक्ता द्वारा आत्महत्या का मामला सारा दिन सोशल मीडिया पर छाया रहा. कड़े सुरक्षा पहरे और गमगीन माहौल में अनुराग साहू का अंतिम संस्कार कर दिया गया. इसके बाद इस मामले में कुछ शांति आयी है. हालांकि शुक्रवार को अदालत परिसर में उग्र प्रदशर्न करने वाले कुछ अज्ञात अधिवक्ताओं के विरुद्ध पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज कर ली हैं. दूसरी ओर वकीलों ने भी इस मामले की सीबीआई या एसआईटी से जांच कराने की मांग की है. (jabalpur advocate suicide case)

jabalpur police filed fir against unknown lawyers
पुलिस ने अज्ञात वकीलों के खिलाफ दर्ज की दो एफआईआर

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Published : Oct 1, 2022, 10:46 PM IST

जबलपुर। सुरक्षा व गमगीन माहौल में अधिवक्ता का अंतिम संस्कार किया गया. सुरक्षा की दृष्टि से हाईकोर्ट व जिला न्यायालय में बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी तैनात थे. मानसिक प्रताड़ना के तंग आकर युवा अधिवक्ता द्वारा आत्महत्या किये जाने तथा दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग संबंधित पोस्ट भी सोशल मीडिया में छाई रही. अधिवक्ता द्वारा आत्महत्या किये जाने के विरोध में गत दिवस आक्रोशित साथियों हाईकोर्ट में लाश रखकर उग्र प्रदर्षन किया गया था. पुलिस ने प्रदर्शन के नाम पर हिंसा करने वाले अज्ञात अधिवक्ताओं के खिलाफ दो अलग-अलग प्रकरण दर्ज किये है. वहीं अधिवक्ताओं ने सीबीआई या एसआईटी से इस पूरे मामले में जांच की मांग की है. (jabalpur police filed fir against unknown lawyers)

वकीलों ने हाईकोर्ट में लाश रखकर उग्र प्रदर्शन किया गया था

शुक्रवार को अधिवक्ता की मौत के बाद बिगड़ा था माहौलः शुक्रवार को कोर्ट से लंच के बाद घर जाकर युवा अधिवक्ता अनुराग साहू उम्र 40 साल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद आक्रोषित अधिवक्ता साथियों लाश लेकर चीफ जस्टिस के कोर्ट तक पहुंच गये और मिलने के लिए हंगामा करने लगे थे. इस दौरान एक अधिवक्ता ने अपनी हाथ की नस काट ली थी. इसके अलावा उनकी पुलिस कर्मियों से झड़प भी हुई थी. जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने पुलिस को हल्का बल प्रयोग करने पड़ा था. कलेक्टर की अनुमति से रात में अधिवक्ता के शव का पोस्टमॉर्टम करवाया गया था. अधिवक्ता का अंतिम संस्कार ग्वारीघाट मुक्तिधाम में गमगीन माहौल में कड़ी सुरक्षा के बीच किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में अधिवक्ता वर्ग उपस्थित था. सुरक्षा की दृष्टि से हाईकोर्ट व जिला न्यायालय में बडी संख्या में सुरक्षा बल तैनात था. (jabalpur youth advocate cremated in tight security)

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अधिवक्ता नहीं हुए पैरवी के लिए उपस्थितः घटना के विरोध में राज्य अधिवक्ता परिषद ने शनिवार को प्रतिवाद दिवस मानने की घोषणा की थी. शनिवार को प्रदेश के अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए. राज्य अधिवक्ता परिषद ने उपाध्यक्ष आर के सिंह सैनी ने विरोध दिवस को सफल बनाने के लिए प्रदेश के सभी अधिवक्ताओं का आभार व्यक्त किया. उन्होंने पुलिस द्वारा किये गये लाठी चार्ज की घटना की निंदा करते हुए दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है. इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा गया है.उन्होंने बताया कि आगे की रणनीति तैयार करने दशहरा अवकाश के बाद 11 अक्टूबर को सभी बार एसोसिएशन की बैठक आयोजित की गयी है. (jabalpur advocate suicide case)

पुलिस ने दर्ज की दो एफआईआरः पुलिस ने गत दिवस हाईकोर्ट में उग्र प्रदर्षन करने वाले अधिवक्ताओं के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की है. पुलिस अधिक्षक सिध्दार्थ बहुगुणा ने बलाया कि आगजनी,तोड़फोड़,बलवा तथा शासकीय कार्य में बाधा डालने सहित अन्य धाराओं के तहत अज्ञात 50 से 70 अधिवक्ताओं के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गयी है.

सोशल मीडिया में छाया रहा प्रकरणः सोशल मीडिया में भी अधिवक्ता अनुराग साहू की आत्महत्या तथा दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की पोस्ट छाई रही. पोस्ट अधिकांश अधिवक्ता वर्ग ने पोस्ट की थी। जिसमें जांच, पीड़ित परिवार को राहत राशि,दोषियों के खिलाफ कार्यवाही सहित अन्य मांग प्रमुख थी. (jabalpur police filed fir against unknown lawyers)

हाईकोर्ट ने जबलपुर नगर निगम पर जुर्माना लगाया

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने कई अवसर देने के बावजूद भी नगर निगम जबलपुर द्वारा जवाब न दिये जाने के मामले को काफी सख्ती से लिया. जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए नगर निगम पर 25 हजार फाइन लगाया है. एकलपीठ ने आदेश दिए है उक्त राशि गलती करने वाले अधिकारी से व्यक्तिगत वसूल की जाए। इसे सरकारी खजाने से नहीं निकाला जाए. एकलपीठ ने उक्त जुर्माने की राशि विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा करने के निर्देश दिये है. इसके साथ ही जवाब के लिए 15 दिनों का समय देते हुए कहा कि यदि जवाब नहीं आया तो निगामायुक्त को व्यक्तिगत तौर पर हाजिर होना होगा. एकलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को निर्धारित की है.

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