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कुत्तों का 'आतंक'! यहां हर रोज 60 से 70 लोगों को निशाना बना रहे श्वान, रिपोर्ट पढ़ें

संस्कारधानी जबलपुर में इन दिनों कुत्तों (Dogs) का आतंक बढ़ता जा रहा है. आंकड़ों के मुताबिक, शहर में आवारा कुत्ते प्रतिदिन 60 से 70 लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं.

कुत्तों का 'आतंक'
कुत्तों का 'आतंक'

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Published : Sep 25, 2021, 5:38 PM IST

Updated : Sep 25, 2021, 7:47 PM IST

जबलपुर(Jabalpur)।संस्कारधानी जबलपुर में इन दिनों कुत्तों (Dogs) का आतंक बढ़ता जा रहा है. स्थिति यह है कि कई इलाकों में लोग अपने घर से बाहर निकलने तक में कतरा रहे हैं. आंकड़ों के मुतबिक, जबलपुर में आवारा कुत्ते प्रतिदिन 60 से 70 लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. शहर में कुत्तों की बढ़ती संख्या को लेकर नगर निगम दो करोड़ रुपए भी खर्च कर चुका है, इसके बाद भी स्थिति नियंत्रण में नहीं आई. कुत्तों की संख्या कम होने की वजह उल्टा 10% और बढ़ गई है. इस साल अब तक 12 हजार 765 डॉग बाइट के केस सामने आ चुके हैं.

शहर के हर कोने में आवारा कुत्तों की धमक

जबलपुर शहर का ऐसा कोई भी कोना नहीं है, जहां पर आवारा कुत्तों का आतंक न देखने को मिले. आवारा कुत्तों को अगर रात कोई अकेला मिल जाता है, तो वह उसपर हमला कर देते हैं. जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में नगर निगम की तरफ से अभी तक 53 हजार कुत्तों की नसबंदी कराई जा चुकी है. शहर निवासी फारूक बताते हैं कि दुकान से रात को जब वह घर जाते हैं, तो उन्हें काफी डर लगता है. कुछ दिन पहले एक युवक को स्ट्रे डॉग्स ने गंभीर रूप से घायल भी कर दिया था.

बच्चों को काट रहे कुत्ते

जिला अस्पताल में रोजाना मिल रहे 70-80 केस

कुत्तों के काटने पर रेबीज के इंजैक्शन उपलब्ध करवाए जाते हैं. इन दिनों जिला अस्पताल में डॉग बाइट के प्रतिदिन 70 से 80 केस आ रहे हैं. स्ट्रे डॉग्स ज्यादातर बच्चो पर हमला करते हैं. स्वास्थ्य विभाग के ज्याइन्ट डायरेक्टर डॉ.संजय मिश्रा का कहना है कि निश्चित रूप से डॉग बाइट के केस में कहीं से भी कमी नहीं आ रही है, लेकिन इसके लिए शासन से रेबीज के इंजैक्शन उपलब्ध करवाए हैं. डॉ.संजय मिश्रा ने कहा कि कभी-कभी डॉग बाइट के केस एक दिन में 100 तक पहुंच जाते हैं.

बच्चों को स्ट्रे डॉग्स से रखे दूर

स्वास्थ्य विभाग के ज्याइन्ट डायरेक्टर ने बताया कि डॉग बाइट के ज्यादातर केस बच्चों के सामने आते हैं. जिसकी वजह यह है कि घरों के बाहर घूम रहे स्ट्रे डॉग के साथ ये बच्चे छेड़खानी करते हैं, जिसके चलते कई बार वह उन पर हमला कर देते हैं. डॉ.संजय मिश्रा ने परिजनों से अपील की है कि अपने बच्चों को आवारा कुत्तों से दूर रखे. आपको बता दें, साल 2021 में अब तक 12 हजार 765 केस कुत्तों के काटने के सामने आए हैं.

आवारा कुत्तों का झुंड

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कुत्तों के काटने के कुल केस (2021)

महीना कुल मरीज
जनवरी 1750
फरवरी 1940
मार्च 2215
अप्रैल 1230
मई 1005
जून 1490
जुलाई 1690
अगस्त 1445
अबतक कुल केस 12765

शहर में निगम की तमाम कोशिशें खराब

कुत्तों का 'आतंक'

1. 2010 में शुरू हुआ कुत्तों का नसबंदी अभियान
2. 53 हजार श्वानों के नसबंदी का दावा
3. 1 करोड़ 91 लाख रुपए हो चुके हैं खर्च
4. 5 से 10 फीसदी प्रति साल बढ़ रही कुत्तों की संख्या

Last Updated : Sep 25, 2021, 7:47 PM IST

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