जबलपुर।प्रदेश में पहला हेरिटेज म्यूजियम शुरू किया है. म्यूजियम जबलपुर के एक स्कूल में शुरू किया गया है. यह म्यूजियम रोहित खन्ना नाम के एक शख्स ने स्कूल को दान किया है. संग्रहालय में शामिल कई एंटीक वस्तुएं रोहित ने खुद जमा की है. जिसमें महात्मा गांधी से जुड़ी हुई चीजों के अलावा पुराने सिक्के और कई चीजें शामिल हैं. रोहित ने अपने पिता की याद में जबलपुर के महारानी लक्ष्मीबाई स्कूल को यह संग्रहालय दान किया है. उनका मानना है कि इसे देखकर यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट हमारी पुरानी संस्कृति को ठीक से जान और समझ सकेंगे.
मध्यप्रदेश का पहला हेरिटेज म्यूजियम कई सालों से कर रहे हैं वस्तुओं की तलाश
रोहित खन्ना बताते हैं कि, वे बीते कई सालों से प्रचीन वस्तुओं को तलाश कर उनका संग्रह करने का काम किया करते आ रहे हैं. यही वजह है के रोहित के म्यूजियम में महात्मा गांधी से जुड़ी कई एंटीक चीजों के साथ, पुराने सिक्के, बर्तन और कई दूसरे एंटीक आइटम शामिल हैं.
रोहित कहते हैं कि, उन्हें बचपन से ही पुरानी चीजो को संग्रह कर रखने वाले को बड़ा शौक था. वह चाहते थे कि, अपनी परंपरा, सभ्यता और विरासत से जुडी चीजों का संग्रह करके रखें. अब यही एंटीक आइटम उनके म्यूजियम की शोभा बढ़ा रहे हैं.
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पिता की याद में किया दान
रोहित ने अपने पिता की याद में यह संग्रहालय महारानी लक्ष्मीबाई स्कूल को दान किया है. वह कहते हैं कि, एमएलबी स्कूल में म्यूजियम स्थापित हो जाने से यहां पढ़ने वाले छात्र हमारी पुरानी संस्कृति से वाकिफ हो सकेंगे. बता दें कि, इससे पहले भी रोहित ने अपने पिता के शव को सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में दान किया था. रोहित के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल थे. जिनकी याद में ही अब रोहित ने यह म्यूजियम दान किया है.
स्कूल प्रशासन ने दिया म्यूजियम का आकार
रोहित की दान की हुई चीजों को एमएलबी स्कूल के प्रशासन ने म्यूजियम का आकार दे दिया है. इसे स्कूल की लाइब्रेरी में स्थापित किया है. इसके साथ ही स्कूल प्रबंधन इन बेशकीमती चीजों की सुरक्षा करने को अपने लिए चुनौती मान रहा है. स्कूल की प्राचार्या प्रभा मिश्रा ने कहा कि, यह संग्रहालय छात्रों के लिए लाइब्रेरी में रखा गया है जहां विद्यार्थी इसे देख और समझ सकेंगे.अतीत से जुड़ी चीजों को देखकर छात्रों में भी उत्साह देखने को मिला. एक छात्रा रोशनी कुशवाहा का कहना है कि, मैंने आज तक इससे पहले कभी इस तरह की चीजें नहीं देखी थीं. इसलिए इन चीजों को देखकर अच्छा लगा.
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म्यूजियम में है ये सब
हेरिटेज म्यूजियम में 70 साल पुराना प्लांट फॉसिल, आदिमानव के हथियार, औजार जो करीब 1 लाख साल से भी ज्यादा पुराने हैं, 800 साल पुरानी नर्मदा घाटी की पाटरी, सिंधु घाटी सभ्यता की 5000 साल पुरानी चूड़ियां, 1000 साल पुराने महिलाओं के गहने, 2000 साल पुराना दुनिया का सबसे छोटा सिक्का, 22 साल पुराना तांबे का पंचमार्क सिक्का, 1971 के युद्ध का पश्चिमी स्टार पदक, अंग्रेजों के समय का लकड़ी का पेन और महात्मा गांधी का चश्मा भी देख सकेंगे.इस म्यूजियम का उद्देश्य गांधीवादी विचारों को जन-जन तक पहुंचाना है. इस संग्रहालय में आप राष्ट्रपिता गांधी से लेकर 2000 साल पुरानी तक की सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.