मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / city

30 दिन में दर्ज किए जाएं वर्तमान, पूर्व सांसद और विधायकों के 15 लंबित प्रकरणों में बयान: हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने वर्तमान, पूर्व सांसद और विधायकों पर दर्ज अपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए गठित स्पेशल कोर्ट को निर्देशित किया है.

Breaking News

By

Published : Nov 11, 2020, 4:00 AM IST

जबलपुर। हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस सुजय पाॅल की युगलपीठ ने वर्तमान और पूर्व सांसद, विधायकों पर दर्ज अपराधिक प्रकरण की सुनवाई के लिए गठित स्पेशल कोर्ट को निर्देशित किया है कि वह 30 दिनों में 15 लंबित प्रकरणों में बयान दर्ज करें. युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा, वास्तविक दिक्कत आने पर विशेष न्यायालय को यह स्वतंत्रता है कि वह जिला एवं सत्र न्यायालय के माध्यम से हाईकोर्ट से मार्गदर्शन प्राप्त कर सकता है.


गौरतलब है कि वर्तमान तथा पूर्व सांसदो तथा विधायकों के खिलाफ दर्ज अपराधिक प्रकरण की सुनवाई विशेष न्यायालय द्वारा त्वरित गति से किये जाने की मांग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी. याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ शेष किये गये जवाब में प्रदेशों में सुनवाई के लिए गठित विशेष न्यायालयों की जानकारी पेश की गई थी. इसके अलावा वर्तमान, पूर्व सांसद और विधायकों पर दर्ज अपराधिक प्रकरणों की जानकारी भी पेश की गई थी.


याचिका की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय को बताया गया था कि अपराधिक मामलों में दंडित कई वर्तमान तथा पूर्व सांसद व विधायकों स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया है. स्थगन आदेश प्राप्त करने के बाद प्रकरण लंबे समय से लंबित हैं. याचिका का निराकरण करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश जारी किये थे कि वर्तमान तथा पूर्व सांसद व विधायकों के खिलाफ दर्ज अपराधिक मामलों की सुनवाई विशेष न्यायालयों जल्दी करें. इसके अलावा दंडित प्रकरण में जारी स्थगन आदेश पर भी सुनवाई त्वरित की जाये. कोरोना काल में भी वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से सुनवाई की जा सकती है. उच्च न्यायालय ने उक्त आदेश की प्रति सभी उच्च न्यायालय के रजिस्टार जनरल को जारी करने के आदेश भी जारी किये थे.


सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को संज्ञान में लेते हुए मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में जनहित याचिका के तौर पर की गई. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट रजिस्टार जनरल की तरफ से शेष किये गए जवाब में बताया गया था कि कुल 192 अपराधिक प्रकरण विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं. सरकार की तरफ से बताया गया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए पूर्व में भोपाल में वर्तमान तथा पूर्व विधायकों व सांसदों के खिलाफ लंबित प्रकरणों की सुनवाई के लिए विशेष कोर्ट गठित की गई थी. इसके अलावा हाल में ही दो लोक अभियोजकों की नियुक्ति की गई है. याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.


युगलपीठ द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि 14 प्रकरणों में अभियुक्त और एक प्रकरण में साक्ष्य गवाह के बयान तीन दिनों के विशेष न्यायाधीश वीडियों काॅन्फ्रेंसिंग या व्यक्ति उपस्थिति के माध्यम से दर्ज करें. युगलपीठ ने इसके साथ ही विशेष न्यायालय को ये छूट दी है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details