जबलपुर। शहर में आज एक बड़ा हादसा सामने आया है, जहां न्यू लाइफ मल्टी स्पेशिलिटी अस्पताल में भीषण आग लगने से 8 मरीजों की मौत हो गई, वहीं मौत का आंकड़ा बढ़ने की आशंका भी जताई जा रही है. फिलहाल प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर फायर ब्रिगेड से आग पर काबू पाया है, वहीं कई लोगों के घायल होने की भी सूचना है. जिसके बाद अब सीएम शिवराज ने हादसे में मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख और घायलों को 50-50 हजार रूपये मुआवजा देने की घोषणा की है. (Fire in Jabalpur Hospital)
जबलपुर के न्यू लाइफ अस्पताल में लगी भीषण आग आग पर काबू पाया गया:जबलपुर के चंडाल भाटा स्थित न्यू लाइफ मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल में आग लगने की घटना के बाद अफरा-तफरी मच गई. हॉस्पिटल में भर्ती मरीज और उनके परिजन जान बचाने के लिए बाहर की तरफ भागने की कोशिश करते नजर आए. आग काफी भीषण थी, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं. आग लगने की घटना के बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने लगभग 2 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया है. मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि, आग इतनी भीषण थी कि लोगों को भागने का मौका नहीं मिला, जिस कारण कई लोग जिंदा जल गए. हादसे के दौरान अस्पताल में कितने मरीज और कितने मरीजों के अटेंडर मौजूद थे, इसकी जानकारी फिलहाल नहीं है.
नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने बड़ा बयान मृतकों की हुई पहचान: हादसे में 8 लोगों की मौत हुई है जिसमें से 7 मृतकों की पहचान हो गई है. इसमें 3 हॉस्पिटल के स्टाफ सदस्य हैं. मृतकों के नाम
1. वीर सिंह (30 वर्ष) पिता- राजू ठाकुर, निवासी- न्यू कंचन पुर, आधारताल, जबलपुर (स्टाफ सदस्य).
2. स्वाति वर्मा (24), निवासी- नारायणपुर, मझगंवा, जिला सतना (स्टाफ सदस्य).
3. महिमा जाटव ( 23 ), निवासी- नरसिंहपुर (स्टाफ सदस्य).
4. दुर्गेश सिंह (42), पिता- गुलाब सिंह, निवासी आगासौद, पाटन रोड, माढोता (जबलपुर).
5. तन्मय विश्वकर्मा (19), पिता अमन, निवासी- खटीक मोहल्ला, घामापुर (जबलपुर).
6. अनुसूइया यादव (55), पति - धर्मपाल, निवासी- चित्रकूट, मानिकपुर (यूपी).
7. सोनू यादव (26), पिता श्रीपाल, निवासी- चित्रकूट, मानिकपुर (यूपी)
अन्य की पहचान की जा रही है.
बढ़ सकता है मौत का आंकड़ा:आग की सूचना मिलने के बाद जबलपुर मेयर, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के साथ तमाम प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे. इस दौरान नवनिर्वाचित महापौर जगत बहादुर अन्नू ने बताया कि, "इस हादसे में 9 से 10 लोगों की मौत हुई है." वहीं पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने कहा कि, "इस हादसे में अब तक 8 लोगों की मौत हुई है." बताया जा रहा है कि घटना के समय अस्पताल में करीब 52 लोगों का स्टाफ मौजूद था. जिसमें 2 नर्सों की मौत होने की जानकारी भी सामने आ रही है. फिलहाल मौत का आंकड़ा बढ़ने की आशंका भी जताई जा रही है.
शार्ट सर्किट से लगी आग: जबलपुर में लगी आग के पीछे जो शुरुआती जानकारी निकलकर सामने आ रही है उसके मुताबिक अस्पताल के फर्स्ट फ्लोर पर शार्ट सर्किट से आग लगी. आग पर तत्कार काबू नहीं पाया जा सका और बहुत तेजी से इसने पूरे फ्लोर को अपनी चपेट में ले लिया. हालांकि अभी इस पर जांच के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी. फिलहाल हॉस्पिटल पूरी तरह से जलकर खाक हो चुका है. घायलों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर इलाज शुरु किया गया है.
सीएम ने किया मुआवजे का एलान:सीएम शिवराज सिंह ने हादसे पर दुख जताते हुए पीड़ितों की मदद और मुआवजे का ऐलान किया है. घटना में मारे गए मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख, गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रुपए की आर्थिक मदद का ऐलान किया है. इसके अलावा सीएम ने कहा है कि हादसे में गंभीर रूप से झुलसे लोगों के इलाज राज्य सरकार कराएगी. सीएम ने कहा कि वेस्थानीय प्रशासन और कलेक्टर से निरंतर संपर्क में हैं. उन्होंने मुख्य सचिव को संपूर्ण मामले पर नजर बनाये रखने के निर्देश दिए हैं. (CM Shivraj announced compensation in Jabalpur fire accident)
कमलनाथ ने जताया दुख:पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि, "जबलपुर के एक निजी अस्पताल में आग लगने से कई लोगों की मृत्यु होने और बहुत से लोगों के हताहत होने का समाचार प्राप्त हुआ, यह अत्यंत पीड़ादायक घटना है. मैं मृतकों की आत्मा की शांति की प्रार्थना करता हूं और अग्निकांड में झुलसे लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं."
नेता प्रतिपक्ष बोले- सरकार नहीं दे रही ध्यान:अग्निकांड में मारे गए लोगों को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि, "सरकार का ध्यान नहीं है, सरकार के निकम्मेपन से इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं. सरकार की ड्यूटी है कि ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई करें, लेकिन सरकार घटना के बाद आर्थिक सहायता दे रही है. आर्थिक सहायता किसी से किसी की जान नहीं लौटती है, जिस परिवार का कोई व्यक्ति मरता है उसको ही पता लगता है. मैं सीएम से अपील करना चाहता हूं कि प्रदेश के सभी अस्पतालों में अग्नि यत्रों की जांच की जाए. अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन चंदा लेकर हुआ है, इसलिए लगातार हादसे बढ़ रहे हैं. जिस तरीके से प्रदेश में कीड़े मकोड़ों की तरह अस्पतालों की संख्या बढ़ रही है, उनकी जांच की जाना अत्यावश्यक है नहीं तो ऐसे हादसे होते रहेंगे और इसकी जिम्मेदार सिर्फ शिवराज सरकार है."
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अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही:पिछले साल 8 नवंबर को भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल के बच्चा वार्ड में शार्ट सर्किट होने से आग लग गई थी, इस घटना में आईसीयू वार्ड में भर्ती 40 नवजात बच्चों की मौत हो गई थी. अब जबलपुर अस्पताल से भी ऐसी ही घटना सामने आई है. ऐसे में सवाल उठता है कि कब तक ऐसे ही अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ेगा.