जबलपुर। लोकसभा चुनाव शुरू हो गया है. वहीं चुनाव के मद्देनजर सभी पार्टियां प्रचार-प्रसार में लगी है. इसी बीच अब पार्टियों का प्रचार-प्रचार सोशल मीडिया के जरिए खूब जोर-शोर से किया जा रहा है. चुनाव के समय मोबाइल नंबर, फेसबुक आईडी, टि्वटर हैंडल जैसे सोशल मीडिया राजनीतिक पार्टियों को महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि इसी सोशल मीडिया के जरिए वे अपनी बात जनता तक पहुंचाते हैं.
जबलपुर: सोशल मीडिया के जरिए 7 से 8 लाख लोगों तक सीधे किया जा रहा चुनाव का प्रचार - जबलपुर
लोकसभा चुनाव के चलते पार्टियों का प्रचार-प्रचार सोशल मीडिया के जरिए खूब जोर-शोर से किया जा रहा है. बीजेपी की मीडिया सेल के पास लगभग 7 लाख तो कांग्रेस की मीडिया सेल के पास लगभग 8 लाख मोबाइल नंबर है. फेसबुक आईडी, टि्वटर अकाउंट, यूट्यूब के जरिए फोटो, फिल्म, विडियो, ग्राफिक्स बना कर पोस्ट किया जा रहा है.
लाखों लोगों तक सीधी पहुंच
जबलपुर में बीजेपी की मीडिया सेल का कहना है कि उनके पास लगभग 7 लाख लोगों के तो कांग्रेस की मीडिया सेल का कहना है कि उनके पास 8 लाख लोगों के मोबाइल नंबर है. इसके अलावा फेसबुक आईडी, टि्वटर अकाउंट, यूट्यूब के जरिए फोटो, फिल्म, विडियो, ग्राफिक बना कर पोस्ट को आम लोगों तक पहुंचाया जा रहा हैं. इसमें बकायदा बड़ी-बड़ी टीम काम कर रही हैं. यह पूरा काम नेटवर्किंग के जरिए किया जा रहा है. इसके लिए दिल्ली, भोपाल और स्थानीय स्तर पर मैटेरियल तैयार एक-दूसरे के माध्यम से अलग-अलग मोबाइल नंबर तक पहुंचाया जाता है.
सोशल मीडिया पर आरोप-प्रत्यारोप
इसमें सरकार की योजनाएं, जनसंपर्क, पुराने संदर्भ के अलावा आरोप-प्रत्यारोप भी है. सवाल भी सोशल मीडिया पर ही खड़े किए जा रहे हैं और जवाब भी सोशल मीडिया पर ही दिए जा रहे हैं. दोनों ही पार्टियों का दावा है कि वह पूरी लड़ाई दायरे में रहकर कर रही हैं और व्यक्तिगत आरोपों से बच रही हैं. लेकिन इन दोनों टीमों के अलावा व्यक्तिगत स्तर पर कई कार्यकर्ता भी सोशल मीडिया पर मैटेरियल पोस्ट कर रहे हैं जो कई बार विवाद का विषय बन जाता है इसलिए सोशल मीडिया पर हो रहे प्रचार की वजह से शहर की दीवारों और खंभों पर भी बैनर पोस्टर नजर नहीं आ रहे हैं.