जबलपुर। MP में कोरोना की दूसरी लहर के बाद डेंगू (Dengu in Jabalpur) कहर बनकर टूट रहा है. प्रदेश में डेंगू के मरीजों की संख्या करीब एक हजार तक पहुंच गई है. मंदसौर-रतलाम के बाद जबलपुर, आगर-मालवा, भोपाल, छिंदवाड़ा, इंदौर और धार में अधिक केस सामने आ रहे हैं. जबलपुर में हालत और भी खराब है. एक तो मौसम की मार, ऊपर से शहर के चारों तरफ फैला कचरा. अब तो स्थानीय जनता के साथ-साथ नेता भी कहने लगे हैं, कि कोरोना से बच गए तो डेंगू जरूर मार डालेगा.
Dengu in Jabalpur:कोरोना कम हुआ, तो डेंगू का कहर
कोरोना का खतरा कम हुआ तो डेंगू फैलाने वाले मच्छर डंक (Dengu in Jabalpur) मारने लगे हैं. क्या सामान्य शहर और क्या स्मार्ट सिटी. कहने को जबलपुर (Jabalpur) शहर भी स्मार्ट सिटी (smart city) है. लेकिन प्रशासन में यहां जरा भी स्मार्टनेस नहीं दिखती है. शहर में जिस तरफ देखो, वहीं गंदगी के ढेर और गड्ढों में जमा पानी. अब यही गड्ढे शहर के लिए आफत बन गए हैं. मलेरिया और डेंगू के मच्छर (Dengu in Jabalpur) यहां कहर ढा रहे हैं. सरकार कहती है कि हालात काबू में हैं, डेंगू से एक भी मौत (death due to dengu) नहीं हुई. लेकिन जानकारी मिली है कि 7 से 8 लोग यहां डेंगू के कारण जान गंवा चुके हैं. आप अस्पताल जाइए, तो वहां हर बेड पर डेंगू के मरीज तड़पते दिख जाएंगे. फिर चाहे वो सरकारी अस्पताल हो या प्राइवेट.
Dengu in Jabalpur:रांझी बना डेंगू का गढ़, 7 से 8 लोगों की मौत !
डेंगू कितना खतरनाक रूप लेता जा रहा है, इसका अंदाजा इसी से लग जाता है कि शहर के रांझी इलाके में एक पूर्व पार्षद की पत्नी की डेंगू से मौत (death due to dengu) हो चुकी है. रांझी में डेंगू का कहर सबसे ज्यादा है. पूरे प्रशासनिक अमले ने रांझी में ही डेरा डाल रखा है. लोगों का कहना है कि ऐसा कोई घर नहीं जहां डेंगू का मरीज नहीं हो. कई घरों में तो पूरा परिवार ही डेंगू की चपेट में (Dengu in Jabalpur)आया हुआ है. अस्पतालों में व्यवस्था चरमराई हुई है. रात को कोई अस्पताल पहुंच जाए तो बेड नहीं मिलता है. पहले कहते हैं कि कोई बात नहीं वायरल है, लेकिन जांच करते हैं तो डेंगू सामने आता है. लोगों का कहना है कि समय पर इलाज नहीं मिल पाने के कारण भी (death due to dengu) कई लोगों ने दम तोड़ दिया है. विधायक अशोक रोहाणी भी मानते हैं कि जबलपुर डेंगू (Dengu in Jabalpur)की चपेट में है. घर-घर में डेंगू ने पैर पसार लिए हैं. शुरु में ध्यान देते तो हालात बेकाबू नहीं होते.
Dengu in Jabalpur:स्मार्ट सिटी का बुरा हाल
स्मार्ट सिटी बनने के बाद शहर में घर-घर से कचरा इकट्ठा करने की योजना बनी थी. नगर निगम ने कचरा कलेक्शन करने के लिए करीब 400 वाहन खरीदे थे. लेकिन कुछ ही समय में 300 गाड़ियां कबाड़ हो गईं. उस वक्त किसी ने इसकी अहमियत नहीं समझी. धीरे धीरे शहर कचरे के गोदाम में तब्दील हो गया. अब डेंगू (Dengu in Jabalpur)के रूप में इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है.
नगर निगम कमिश्नर संदीप जीआर ने बताया कि हमनें मॉनिटरिंग बढ़ा दी है. स्पेशल टीमें लगाई हैं. जो लगातार देख रही हैं कि कहीं कचरा जमा तो नहीं हो रहा है. हम डस्टबिन फ्री शहर बनाने की कोशिश कर रहे हैं. ताकि कहीं भी कचरा इकट्ठा ना हो और डेंगू, मलेरिया के मच्छरों को पनपने का मौका नहीं मिले.
जबलपुर के सीएमएचओ डॉ रत्नेश कुरारिया का कहना है कि इस मौसम में मलेरिया और डंगू जैसी बीमारियां अक्सर पैर फैलाती हैं. इन बीमारियों के लिए ये मौसम काफी मुफीद होता है. हमनें 22 टीमें पूरे शहर में लगा रखी हैं. हम लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं. हम फीवर सर्वे कर रहे हैं. इनडोर और आउट डोर फॉगिंग हो रही है. स्थित धीरे धीरे काबू में आ रही हैं. कल हुई टेस्टिंग में डेंगू के 12 मरीज मिले हैं. बीते वर्षों की तुलना में 2020-2021 में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया का खतरा कम हुआ है. डेंगू के दो मरीज मिलने पर संबंधित क्षेत्रों में दवा का छिड़काव कराया गया है. छिड़काव के द्वारा लार्वा को खत्म करने की कोशिश की जा रही है.